कोरोना वायरस का कहर हर देश में दिख रहा है. भारत में कोरोना अभी दूसरे स्टेज है और तीसरी स्टेज को टालने के लिए भारत ने 21 दिनों के लॉकडाउन का कड़ा फैसला लिया है. भारत सरकार के इस फैसले को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सराहा है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत ने जल्दी ही देश में लॉकडाउन किया है जो एक सराहनीय कदम है. हालांकि, इसके साथ कुछ अन्य फैसले भी करने होंगे क्योंकि सिर्फ लॉकडाउन से इसका खतरा नहीं टलेगा.
WHO चेयरमैन डॉ. ट्रेडोस, माइकल रेयान, डॉ. मारिया वैन ने भारत से जुड़े मसलों पर मीडिया से बातचीत की. वहीं उन्होंने भारत के लॉकडाउन और तीसरी स्टेज पर को लोकर कहा, सिर्फ लॉकडाउन से कोरोना का खतरा नहीं टलता है. WHO के चेयरमैन डॉ. ट्रेडोस ने कहा, ‘भारत के पास कोरोना को हराने की क्षमता है और ये अच्छी बात है कि उन्होंने काफी पहले ही लॉकडाउन करने का निर्णय लिया.
कोरोना संक्रमण की तीसरी स्टेज को लेकर उन्होंने कहा कि जिन देशों में सही वक्त पर कड़े फैसले नहीं लिए गए और सावधानियां नहीं बरती गईं वहां पर इसका बुरा असर दिख रहा है, ऐसे में हर किसी के सामने यही चैलेंज है कि सही कदम उठाए जाएं.
WHO के डॉ. रेयान ने भी भारत के लॉकडाउन को सराहते हुए कहा लॉकडाउन का कदम बहुत अच्छा है, लेकिन अब आगे भारत को केस की तलाश करनी होगी. पीड़ित के संपर्क में जो भी आया है, उन्हें निगरानी में रखना होगा. अगर ये सब होता है तो कोरोना को बढ़ने से रोका जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने पोलियो से दुनिया को निजात दिलाई है, ऐसे में कोरोना पर भी वह कमाल कर सकता है…
लॉकडाउन को लेकर डॉ. मारिया वैन ने कहा, ऐसा नहीं है कि आप एक वक्त तक लॉकडाउन लगाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं, आपको आगे अपने प्लान में बदलाव करना होगा. जहां पर केस ज्यादा हैं वहां पर सावधानी बरतनी होंगी. ऐसे में चीन और सिंगापुर का मॉडल अपनाया जा सकता है, क्योंकि वहां पर अलग-अलग क्षेत्र में कई तरह के फैसले लिए गए हैं. दरअसल, दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस के खतरे को सोशल डिस्टेंसिंग के फैसले से ही निजात पाई जा सकती है, इसी के मद्देनजर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा की थी.