दिल्ली। कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया परेशान हैं। भारत में कोरोना से लोगों के मन में दहशत का माहौल बना हुआ है। इतना ही नहीं लोग अपने घरों से नहीं निलकर रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से पीड़ित एक शख्स ने बाताय कि आपके लिए कितना सेफ है मेट्रो, बस में सफर करना। तो आइए जानते हैं कितना सेफ है आपके लिए सार्वजनिक स्थानों पर सफर करना।
जैसा कि आप जानते हैं कि तमाम शोधों से स्पष्ट है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलता है या फिर किसी सतर पर गिरे संक्रमित व्यक्ति के थूक के छीटों के संपर्क में आने से फैल सकता है। ऐसे में सार्वजनिक यातायात साधनों से सफर करने के दौरान ये संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती हैं।
अक्सर संक्रमित व्यक्ति को खुद पता नहीं होता कि वो कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुका है। इस दौरान वो अगर सार्वजनिक स्थानों पर सफर करता है जैसे ट्रेन का हैंडल, सीट, टैक्सी के दरवाजे, मेट्रो, बस आदि में उसका संक्रमण थूक के जरिए वहां से आगे प्रसारित होता है।
इस मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वयारस बुखार फैलाने वाले संक्रामक तत्वों की तरह हवा में नहीं ठहरते हैं। ऐसे में अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के बहुत पास में हैं तो आप इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में साफ है कि आपको बस मेट्रो या ट्रेन में सफर करने से वायरस की चपेट में आने का कितना खतरा है। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपकी बस या ट्रेन कितनी भरी हुई है। क्या उसमें संक्रमित व्यक्ति भी सफर कर रहे हैं।