अयोध्या में भगवान श्रीराम बुधवार को नवरात्रि के पहले दिन अस्थायी फाइबर मंदिर में शिफ्ट किए गए है. सुबह 3 बजे रामजन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कर किया गया.
भगवान की शिफ्टिंग के दौरान सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ समते रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, ट्रस्ट के सदस्य राजा बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, सदस्य अनिल मिश्रा, ट्रस्ट के महासचिव चपंत राय, दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास, अवनीस अवस्थी मौजूद रहे.
रामलला को मंत्रोच्चार के साथ नए आसन पर शिफ्ट किया गया. गर्भ गृह से रामलला को उनके तीनों भाइयों और सालिकराम के विग्रह के साथ अस्थायी नए आसन पर शिफ्ट किया गया, नए मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरती की.
अयोध्या करती है आह्वान…
भव्य राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण आज सम्पन्न हुआ, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान…
मानस भवन के पास एक अस्थायी ढांचे में ‘रामलला’ की मूर्ति को स्थानांतरित किया।
भव्य मंदिर के निर्माण हेतु ₹11 लाख का चेक भेंट किया। pic.twitter.com/PWiAX8BQRR
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 25, 2020
बता दें कि रामलला को चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया. अब इसके बाद मूल गर्भगृह पर राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा. रामलला को 9.5 किलोग्राम के चांदी के सिंहासन में बैठाया गया है. गौरतलब है कि चांदी का सिंहासन जयपुर के कारीगरों ने बनाया है.
चांदी के सिहासन के पृष्ठ पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर उत्कीर्ण किए गए हैं. रामलला इसी आकर्षक सिहासन पर विराजमान किए गए है. इस समय में मूल गर्भगृह के अस्थायी मंडप में रामलला लकड़ी के सिहासन पर विराजित हैं. राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र सिंहासन लेकर अयोध्या आए. उन्होंने यह सिंहासन ट्रस्ट को समर्पित कर दिया.
रामलला को वैकल्पिक नए मंदिर में शिफ्ट करने के लिए अनुष्ठान प्रसिद्ध वैदिक आचार्य डॉक्टर कृति कांत शर्मा ने किया. जानकारी के अनुसार, उन्होंने भूमि के शुद्धिकरण का काम सोमवार से शुरू किया गया था.