टेबलटॉप रनवे के कारण केरल में हादसे का शिकार हुआ विमान !

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी के अनुसार इस विमान में 190 यात्री सवार थे. उड्डयन मंत्री ने बताया कि कोझिकोड एयरपोर्ट टेबलटॉप एयरपोर्ट है.

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Kozhikode Plane Crash
टेबलटॉप रनवे के कारण केरल में हादसे का शिकार हुआ विमान !

Delhi: शुक्रवार रात दुबई से आ रहा विमान केरल (Kerala) में हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में दोनों पायलट समेत 18 लोगों की जान चली गई. आपको बता दें कि केरल के कोझिकोड (Kozhikode Plane Crash) का एयरपोर्ट भारत के टेबलटॉप रनवे (Tabletop Runway) में शुमार है. ये कालीकट अंतर्राराष्ट्रीय एयरपोर्ट कोझिकोड सिटी से 28 किलोमीटर दूर करीपुर में है. मल्लपुरम से इसकी दूरी 25 किलोमीटर है. कोरोना संकट के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के मिशन मे लगे एयर इंडिया (Air India) का विमान बारिश के चलते रनवे पर फिसल गया और 35 फुट नीचे खाई में जा गिरा. विमान के दो टुकड़े हो गए. गनीमत रही कि विमान में आग नहीं लगी.

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नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी के अनुसार इस विमान में 190 यात्री सवार थे. उड्डयन मंत्री ने बताया कि कोझिकोड एयरपोर्ट टेबलटॉप एयरपोर्ट है और बारिश के चलते विमान रनवे से फिसल (Kozhikode Plane Crash) कर 35 फुट नीचे खाई में जा गिरा. आपको बता दें कि टेबलटॉप रनवे वो रनवे होता है जो पहाड़ी क्षेत्र में स्थित एयरपोर्ट बनाए जाते हैं. यह रनवे आम एयरपोर्ट के रनवे से काफी छोटे होते हैं. इन रनवे पर प्लेन उतराने वाले पायलट खास तरह से प्रशिक्षित होते हैं. क्योंकि इन रनवे के दोनों तरफ या एक तरफ गहरी खाई होती है, जिससे यहां हादसे की आशंका काफी ज्यादा रहती है. बारिश और धुंध के मौसम में ऐसे रनवे पर दुर्घटनाओं की संभावना काफी ज्यादा हो जाती है.

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भारत में तीन एयरपोर्ट पर टेबलटॉप रनवे है. जिनमें केरल का कालीकट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (कोझिकोड), मंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर्नाटक और मिजोरम में लेंगपुई एयरपोर्ट शामिल है. पहाड़ियों की चोटी पर रनवे होने के चलते पायलट जब लैंडिंग करते हैं तो मैदानी इलाकों की तरह होने का दृष्टि भ्रम हो जाता है. बारिश और धुंध के मौसम में यहां लैंडिग करवाना खतरनाक हो जाता है. ऐसे में विमानों के फिसलने का खतरा ज्यादा रहता है. इससे पहले साल 2010 मेंगलुरु इंटरनेशल एयरपोर्ट पर दुबई से आ रहा एयर इंडिया का विमान रनवे पर फिसल कर गहरी खाई में जा गिरा था. इस हादसे में 158 लोग मारे गए थे. विमान में क्रू मेंबर्स समेत 166 लोग सवार थे. एयरपोर्ट अथोरटी ऑफ इंडिया के मुताबिक चौड़ाई वाले विमानों का उपयोग करने वाले एयरपोर्ट का रनवे 240 मीटर होना चाहिए. जबकि कालीकट हवाई अड्डे का रनवे सिर्फ 90 मीटर है.

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