85 साल के हुए तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा

आज तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama Birthday) का 85वां जन्मदिन है। इस बार उनके पर एक खास ऑनलाइन स्क्रीनिंग की योजना बनाई गई है।

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Dalai Lama Birthday

New Delhi: आज तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा (Dalai Lama Birthday) का 85वां जन्मदिन है। तिब्बत में एक इलाका है टक्सटर। ये वही इलाका है जहां आज से 85 साल पहले 6 जुलाई 1935 को ल्हामो दोंडुब जिने दलाई लामा के नाम से जाना जाता है (Dalai Lama Birthday) का जन्म हुआ था। कोरोना वायरस फैलने के बाद से ही उन्होंने कोई भी ऑनलाइन और ऑफलाइन टीचिंग नहीं दी। अब वे अपने निवास स्थान से ही दुनिया भर में वीडियो कांफ्रेंसिंग से संदेश दे रहे हैं।

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इस बार दलाई लामा के जन्मदिन (Dalai Lama Birthday) पर एक खास ऑनलाइन स्क्रीनिंग की योजना बनाई गई है। दलाई लामा ने अमेरिका के भौतिक विज्ञानी डेविड बोह्मा को लेकर एक खास ऑनलाइन स्क्रीनिंग रखी है। दलाई लामा बोह्मा को अपना साइंस गुरु भी मानते हैं। उन्होंने अपने बर्थडे पर खास स्क्रीनिंग की जानकारी करीब एक सप्ताह पहले ही टि्वटर के माध्यम से दे दी थी।

 भारत के उत्तर में स्थित है तिब्बत, जिस पर मई 1950 से चीन का कब्जा है। तिब्बत पूरा पहाड़ी इलाका है, जो समुद्र तट से तकरीबन 16-17 हजार फीट की ऊंचाई पर है। बगल में ही हिमालय है, जो सालभर ठंडा रहता है। हिमालय के बगल में होने से तिब्बत भी ठंडा इलाका ही है। तिब्बत पर जबरन अपना कब्जा जमाने के बाद चीन हमेशा ही दलाई लामा का विरोध करता रहा है।

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दलाई लामा की पहचान दुनिया में भले एक शांतिदूत और मानवता का संदेश देने वाले धर्म गुरु के रूप में हो। लेकिन पूर्व में चीन उन्हें आतंकी करार दे चुका है और उसने तिब्बत के बुद्धिज्म को बर्बाद करने के प्रयास का आरोप भी लगा चुका है। तिब्बत पर चीन के कब्जा करने के बाद भारत ने अप्रैल, 1959 में दलाई लामा को तब शरण दी थी, जब वह 23 साल के थे। दलाई लामा चीन से बचते हुए अरुणाचल प्रदेश के त्वांग को पार कर भारत आए थे।

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दरअसल, ल्हामो दोंडुब बौद्धों के 14वें दलाई लामा हैं। दलाई लामा जब 6 साल के थे, तभी 13वें दलाई लामा थुबतेन ग्यात्सो ने उन्हें 14वां दलाई लामा घोषित कर दिया था। इतनी कम उम्र में ही उन्हें दलाई लामा घोषित करने के पीछे भी एक खास वजह है। बताया जाता है कि 1937 में जब तिब्बत के धर्मगुरुओं ने दलाई लामा को देखा तो पाया कि वो 13वें दलाई लामा थुबतेन ग्यात्सो के अवतार थे। इसके बाद धर्मगुरुओं ने दलाई लामा को धार्मिक शिक्षा दी।

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