Yasin Malik Hospitalized: कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वे दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे और वहाँ भूख हड़ताल कर रहे थे. समाचार एजेंसी एएनआई ने जेल अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है.
एएनआई के मुताबिक़ ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती (Yasin Malik Hospitalized) कराया गया है. इसी साल मई में यासीन मलिक को NIA की एक अदालत ने टेरर फ़ंडिंग मामले में दोषी क़रार देते हुए उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी.
Yasin Malik (chief of the banned Jammu & Kashmir Liberation Front) lodged in Delhi's Tihar Jail admitted to RML Hospital due to fluctuation in his blood pressure: Prison officials
(file photo) pic.twitter.com/INiPUKUsZZ
— ANI (@ANI) July 27, 2022
गौरतलब है कि यासीन मलिक को दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सज़ा मिली है. इसके अलावा दस अलग-अलग मामलों में 10-10 साल की सज़ा सुनाई गई है. सभी की सभी सज़ाएं एक साथ जारी हैं. इसके अलावा यासीन मलिक पर 10 लाख का जुर्माना लगाया गया था.
इमरान खान ने एक दिन पहले ही किया था यासीन का समर्थन
तबीयत बिगड़ने के एक दिन पहले ही यासीन मलिक के समर्थन में पाकिस्तान के पूर्व प्रधनमंत्री इमरान ख़ान ने ट्वीट किया था. इमरान ख़ान ने मंगलवार को ट्वीट कर मोदी सरकार को फ़ासीवादी करार दिया था और सरकार पर आरोप लगाया कि उसने यासीन मलिक को प्रताड़ित कर, उन्हें भूख हड़ताल करने पर मजबूर किया है.
उन्होंने लिखा, ‘‘मैं तिहाड़ जेल में बंद कश्मीरी नेता यासीन मलिक को प्रताड़ित करने और भूख हड़ताल पर जाने को मजबूर करने के फासीवादी मोदी सरकार के प्रयास की कड़ी निंदा करता हूं. वहां उनकी जान को बहुत ख़तरा है. मैं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार हाई कमिश्नर, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के खि़लाफ़ कार्रवाई करें और यासीन मलिक की जान बचाएं.’’
Strongly condemn fascist Modi govt's continuing torture of Kashmiri leader Yasin Malik in Tihar jail forcing him to go on hunger strike. His life is in extreme danger. I call on UNSG, UNHCHR & internatonal human rights orgs to take action against India & save Yasin Malik's life.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) July 26, 2022
कई संगीन अपराधों में मुलव्विस था यासीन
यासीन मलिक को कई संगीन अपराधिक मामलों में सजा सुनाई गई है. मलिक को देश के विरुद्ध युद्ध छेड़ने, आपराधिक साज़िश रचने और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में शामिल होने जैसे संगीन आरोप थे.
सजा मुकर्रर होने के दौरान अदालत में उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को स्वीकार किया था. यासीन मलिक को UAPA की धारा 16, धारा 17, धारा 18 और धारा 20 के तहत दोषी पाया था. इन धाराओं में आतंकवादी गतिविधि, आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाना, आतंकवादी कृत्य की साज़िश रचना और आतंकवादी समूह की या संगठन का सदस्य होने जैसे अपराध में शामिल होना था.
यासीन मलिक प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (JKLF) के अध्यक्ष और संस्थापकों में से भी एक थे.
माना जाता है कि इस संगठन ने 1989 और उसके कुछ सालों बाद तक मूल रूप से कश्मीर घाटी में सशस्त्र उग्रवाद फैलाने का नेतृत्व किया था. यासीन मलिक जम्मू और कश्मीर को भारत और पाकिस्तान से आज़ादी दिलाने की वकालत करते थे.
लेकिन बाद में उन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़, बातचीत का रास्ता अपनाया, लेकिन वो कश्मीर की भारत और पाकिस्तान दोनों से आज़ादी की वकालत करते रहे. साल 1966 में श्रीनगर में जन्मे मलिक अभी तिहाड़ जेल में क़ैद हैं.
यासीन कई बार पहले भी जेल जा चुके हैं. पहली बार जब वो जेल गए थे तो उनकी उम्र केवल 17 साल थी. उनका दावा है कि उन्होंने 1980 में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा हिंसा को देखने के बाद हथियार उठाए थे.