Radio Day: दुनिया ने चाहे कितनी भी तरक्की कर ली हो, लेकिन रेडियो सुनने वाले आज भी जिंदा है। इसलिए आज के दिन (World Radio Day) बनाया जाता है। 80 के दशक में जब दुनिया में टीवी आया था तो सबको लगने लगा कि रेडियो का दौर खत्म हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आज का दिन लोगों में रेडियो (World Radio Day) के प्रति जागरुकता फैलाने और उसके महत्व को बताने के लिए मनाया गया।
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क्या है इस साल की थीम-
यह बात नई पीढ़ी को हैरान करने वाली लग सकती है टेलीविजन के व्यापक होने के बाद भी रेडियो (World Radio Day) को आज भी उपयोगी माना जाता है।
इस साल की थीम-
इस साल वर्ल्ड रेडियो डे (World Radio Day) को तीन थीम्स जारी की गई है। ये हैं विकास, संमर्क और नवाचार। इस साल रेडियो दिवस की दसवीं सालगिरह है। आज भी रेडियो का अलग महत्व है। आज भी लोग इसे सुनते है।
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क्या है महत्व-
आज के दिन यानी 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) मनाया जाता है। भारत में रेडियो की शुरुआत 1924 से हुई और ऑल इंडिया रेडियो साल 1936 में आया। 1957 में ऑल इंडिया रेडियो को आकाशवाणी का नाम दे दिया गया। उस समय रेडियो के जरिए लोग खबरें और गाने सुना करते थे। भारत की आजदी के समय में रेडियो ने अहम भूमिका निभाई थी। और आज भी पीएम मोदी रेडियो के माध्यम से ”मन की बात” कार्यक्रम के जरिए लोगों से जुड़ते हैं।
रेडियो डे (World Radio Day) पर पीएम मोदी ने कहा कि ”विश्व रेडियो दिवस की आप सभी को शुभकामनाएं” जो रेडियो को नए कंटेंट और म्यूजिक से गुलजार रखते हैं। ये एक शानदार माध्यम है, जो सामाजिक जुड़ाव को गहरा करता है। मैं व्यक्तिगत रूप से रेडियो का सकारात्मक प्रभाव का अनुभव करता हूं।”
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