क्या आप जानते है भारत के लिए जेल जाने वाले अमेरिकी स्‍टोक्‍स के बारें में, Mahatma Gandhi ने की थी प्रशंसा

भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करने में योगदान देने वाले एकमात्र अमेरिकी थे सैमुअल इवांस स्टोक्स।

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American Satyanand Stokes
भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करने में योगदान देने वाले एकमात्र अमेरिकी थे सैमुअल इवांस स्टोक्स।

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भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करने में योगदान देने वाले एकमात्र अमेरिकी थे सैमुअल इवांस स्टोक्स (American Satyanand Stokes)। जो बाद में सत्यानंद स्टोक्स हो गए। जब कोई व्यक्ति देश का खाना खा ले, रहने लगे तो वो वहीं का रह जाता है। यह कहानी उस इकलौते अमेरिकी की है जो युवावस्था में ईसाइयत का प्रचार करने भारत आया और यहीं का होकर रह गया। क्या आप जानते है सत्यानंद स्टोक्स के बारे में जिन्होंने भारत माता को गुलामी से निकालने में मदद की ?

महात्मा गांधी ने की थी प्रशंसा

अहम बात ये है कि भारतीयों के साथ भारतीय बनकर सोचा और आजादी के वक्त मदद की। बता दें उनका गोरा रंग गिरफ्तारी (American Satyanand Stokes) से उनकी सुरक्षा नहीं कर सका।’ महात्मा गांधी के ये शब्द भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेते वक्त कहे थे। जब सैमुअल इवांस को गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तार इसलिए किया गया क्योंकि वाघा में उन्होंने प्रिंस आफ वेल्स एडवर्ड आठवें की भारत यात्रा का विरोध किया था।

सैमुअल स्टोक्स ने ‘स’ शब्द को सनातन धर्म से जोड़ा

सत्यानंद स्टोक्स (American Satyanand Stokes) बनने की यात्रा में सिर्फ ‘स’ शब्द से सनातन धर्म, संवेदना, समर्पण, सहानुभूति, सदिच्छा, सद्भावना, स्वाभिमान और सन्मार्ग की खोज के रूप में दिखे। हिमाचल प्रदेश सेब राज्य है तो केवल सत्यानंद स्टोक्स की वजह से है। स्टोक्स ने हर भारतीय को ये महसूस करवाने के लिए, कि वह उनके बीच के ही हैं। स्थानीय भाषा-बोली भी सीखी।

आपको बता दें स्वाधीनता संग्राम में भी हिस्सा लेना शुरू कर दिया। 1932 में उन्होंने सनातन धर्म अपना लिया। अब नाम हो गया सत्यानंद और पत्नी का नाम हो गया प्रिया देवी। सत्यानंद जी ने अपना धर्म, नाम और पहचान सब सनातन धर्म में विलीन कर दिया। हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए अपना सब कुछ लगा दिया, कुछ साधुओं के कहने पर श्रीमद्भगवद्गीता भी पढ़ी। बाद में संस्कृत भी सीख ली।

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