Owaisi On Fountain In Gyanvapi: ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर लगातार बयानबाजी का दौर जारी है। इस मसले को नया मोड तब मिला जब ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के बाद हिंदू पक्ष की ओर से परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा किया गया। हालांकि मुस्लिम पक्ष शुरुआत से ही हिंदू पक्ष के इस दावे को नकारते आ रहा है और शिवलिंग जैसे पत्थर को फव्वारा बता रहा है। इन सभी दावों के बीच AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस मामले पर ट्वीट किया और संघ पर कटाक्ष किया है।
AIMIM के प्रमुख ओवैसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर वॉल पर एनवाई टाइम्स की एक खबर का लिंक साझा करते हुए संघ पर कटाक्ष (Owaisi On Fountain In Gyanvapi) किया और सवाल दागे। उन्होंने लिखा कि, “संघी जीनियस पूछ रहे हैं कि “बिना बिजली के फव्वारा कैसे था? इसे ग्रेविटी कहा जाता है… संभवत: दुनिया का सबसे पुराना फव्वारा 2700 साल पुराना है जो उस वक्त भी चालू था। प्राचीन रोमन और यूनानियों के पास बहुत पहले से ही फव्वारे थे।”
ओवैसी ने लिखा, ‘शाहजहां के शालीमार गार्डन में 410 फव्वारे हैं। संघियों को विकिपीडिया का लिंक दे रहा हूं, क्योंकि इससे ज्यादा वे नहीं समझ सकते हैं।
Sanghi geniuses are asking “how was there a fountain without electricity?”
It’s called GRAVITY (https://t.co/wQ1ItqEo2l)
Possibly the oldest functioning fountain in the world is 2700 years old
Ancient Romans & Greeks had fountains dating to 1st & 6th century BC 1/2 pic.twitter.com/ipR6SCG0s8
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 21, 2022
ज्ञानवापी के सर्वेक्षण से आहत हूं- ओवैसी
जबसे ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए अदालत की ओर से अनुमति दी गई है तबसे इस मामले को लेकर आए दिन कोई-न-कोई विवाद सामने आ रहा है। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी ने इस मस्जिद के सर्वेक्षण पर अपनी आपत्ती दर्ज कराते हुए कहा था कि वो आहत हैं। ओवैसी ने कहा कि इस सर्वे से साल 1991 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अनदेखी की जा रही है।
इसके अलावा ओवैसी ने कहा कि वो इश मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे क्योंकि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नहीं डरते हैं।
अब कोई मस्जिद नहीं खोएंगे- ओवैसी
जबसे हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है तबसे मुस्लिम पक्ष लगातार इस दावे को नकार रहा है। इसी बीच ओवैसी ने कहा कि, “अब दोबारा कोई मस्जिद नहीं खोएंगे और ज्ञानवापी कयामत तक मस्जिद ही रहेगी। जब मैं 20-21 साल का था तब बाबरी मस्जिद को मुझसे छीन लिया गया। अब हम 19-20 साल के बच्चों की आंखों के सामने दोबारा मस्जिद को नहीं खोएंगे, इंशा अल्लाह।”