India China News: भारत की चीन को चेतावनी, 5वें चरण की बातचीत में कहा LAC से पिछे हटे

भारत और चीन के बीच तनाव खत्म करने को लेकर रविवार को एक बार फिर से पांचवें दौर की कमांडर लेवल की बातचीत हुई। भारत ने चीन को अपने सैनिकों को पीछे करने के लिए कहा है।

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India-China Standoff
चीन से तनाव के बीच भारत ने की तैयारी, लद्दाख में बनाई सुरंगें

New Delhi: पूर्वी लद्दाख में रविवार को भारत और चीन (India China News) के बीच जारी तनाव में दोनों देशों के शीर्ष कमांडरों ने 5वें चरण की बातचीत की। सैन्य कमांडर स्तर की यह बातचीत करीब 11 घंटे तक चली। इस दौरान भारत ने LAC पर टकराव (India China News)  वाले सभी स्थानों से चीन को अपने सैनिकों को पीछे करने के लिए कहा है।

तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच (India China News) कूटनीतिक और सैन्य दोनों स्तर पर बातचीत की जा रही है। बातचीत के लिए लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह थे, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिणी शिनजियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर, मेजर जनरल लियू लिन ने किया। सूत्रों के मुताबिक बातचीत के दौरान भारत ने पैंगोंग सो और पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास टकराव वाले सभी स्थानों से चीनी सैनिकों के जल्द से जल्द पूरी तरह पीछे हटने को लेकर जोर डाला।

एलएसी पर सर्दियों में भी बरकरार रहेंगी भारतीय सेना की स्थिति

वहीं भारत चीन सीमा विवाद के बीच नया खुलासा सामने आया है। चीन बातचीत के बाद भी एलएसी के पैंगोंग त्से झील (Pangong Lake) से पीछे हटने को तैयार नहीं है। इतना ही नहीं, लगातार चीनी सेना उत्तरी पैंगोंग त्से के पास अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी है। बताया जा रहा है कि चीन पैंगोंग के पास सेना की संख्या बढ़ा दी है। इससे पहले, चीनी सैनिक गलवान में भी इसी तरह के टेंट लगाकर सैनिकों को इकट्ठा किया था। वहीं भारत ने चीन से कहा है कि वे पूरी तरह पीछे हटे।

बता दें कि चीनी सेना का दोहरा चरित्र यहां बार-बार नजर आ रहा है। बैठक में वह पीछे हटने पर सहमत होती है, लेकिन उस पर अमल नहीं करती है। इससे पहले दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच चौथे दौर की वार्ता 14 जुलाई को भारतीय क्षेत्र चुशूल में हुई थी। जो करीब 15 घंटे चली थी। इसके बाद सेना ने बयान जारी किया था कि दोनों पक्ष पीछे हटने को लेकर प्रतिबद्ध हैं, लेकिन उसके दो सप्ताह के बाद भी जमीन पर गतिरोध कायम है। सही मायने में देखा जाए, तो इन दो सप्ताह में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।

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