Delhi: रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को लेकर अपनी वेबसाइट पर दस्तावेज अपलोड किए हैं, जिसमें LAC पर चीनी बढ़ती आक्रामकता दिखाते हुए कहा गया है कि मौजूदा गतिरोध (India-China Issue) लंबे समय तक जारी रह सकता है। मंत्रालय ने गलवान घाटी का जिक्र भी किया है, जहां पर 15 जून को हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं, कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे।
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जून में रक्षा विभाग (Defence Ministry) की प्रमुख गतिविधियों को सूचीबद्ध करने वाले एक आधिकारिक दस्तावेज में, मंत्रालय ने कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) 17-18 मई को कुगरांग नाला, गोगरा और उत्तरी बैंक के पैंगोंग त्सो के क्षेत्रों में भारत की ओर आई। मंत्रालय ने दस्तावेज को वेबसाइट पर 4 अगस्त को अपलोड किया गया था। दस्तावेज में कहा गया कि इसके परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों (India-China Issue) के सशस्त्र बलों के बीच जमीनी स्तर पर बातचीत हुई। कोर कमांडर लेवल फ्लैग मीटिंग 6 जून को आयोजित की गई थी। हालांकि, 15-30 जून के बीच, दोनों पक्षों में एक हिंसक आमना-सामना हुआ, जिसमें भारत के सैनिक शहीद हुए और चीन कई के सैनिक मारे गए।
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आपको बता दें कि 22 जून को डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए एक बार फिर से सैन्य वार्ता हुई। दस्तावेज के अनुसार, ‘पारस्परिक रूप से स्वीकार्य आम सहमति पर पहुंचने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। ऐसे में वर्तमान गतिरोध के लंबे समय तक रहने की संभावना है।’ मंत्रालय ने आगे कहा कि चीन द्वारा एकतरफा आक्रामकता से उत्पन्न पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील थी। इस वजह से करीबी निगरानी और त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पड़ी थी।