नई दिल्ली। क्या आप यकीन करेंगे कि भारत के महान क्रांतिकारी और हिंदू महासभा के संस्थापक विनायक दामोदर सावरकर के नाती को लोगों ने पुणे के मंदिर के सामने भीख मांगते और फुटपाथ पर जीवन गुजारते हुए देखा। लोग उसे जो पैसा दे जाते थे, उसका गुजारा उसी पर चला करता था।
ये खबर स्तब्ध करने वाली जरूर है लेकिन कुछ साल पहले जब पुणे के लोगों को पता चला कि सावरकर का उच्च शिक्षित नाती इस हाल में है तो लोग वाकई हैरान रह गए। तब कई अखबारों में इस नाती की कहानी प्रकाशित हुई।
वर्ष 2007 में “हिंदुस्तान टाइम्स”, “इंडियन एक्सप्रेस” और “टाइम्स ऑफ इंडिया” ने प्रफुल्ल चिपलुनकर नाम के इस नाती की दिल को झकझोर देने वाली खबर प्रकाशित की थी।
दरअसल पुणे के सरासबाग गणपति मंदिर के पास दो वेंडर्स ने एक ऐसा भिखारी देखा, जो अंग्रेजी के अखबार पढ़ रहा था। वो वहीं फुटपाथ पर रहता था। लोग उसे जो पैसे दे जाते थे, उससे उसका गुजारा चला करता था। इन वेंडर्स ने जब एक सामाजिक संस्था को इसकी जानकारी दी तो पता चला कि ये शख्स कोई और नहीं बल्कि सावरकर की बेटी प्रतिभा का बेटा है।
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