
Hyderabad: हैदराबाद में नगर निगम चुनाव में बीजेपी को सफलता हासिल हो सकती है। इसी के चलते दक्षिण भारत में अपना खाता खोल लिया (GHMC Elections results 2020) है। 2016 के चुनाव में बीजेपी सरकार को महज चार सीटें मिली थीं। उस समय बीजेपी ने टीडीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार का चुनाव अकेले दम लड़ा था।
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ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कार्पोरेशन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए मैं @BJP4Telangana के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई देता हूँ। #GHMCElections की सफलता ने भविष्य के प्रदर्शन की झलक दे दी है, मुझे पूर्ण विश्वास है की यह प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 4, 2020
हैदराबाद से भाजपा को तेलंगाना के साथ आंध्र प्रदेश में भी लाभ मिलने की उम्मीद (GHMC Elections results 2020) है। कहने को तो यह एक बड़े स्थानीय निकाय के चुनाव हैं, लेकिन इनका महत्व भाजपा की दक्षिण भारत की राजनीति के लिए बेहद खास है। इसी वजह से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पर प्रचार प्रसार किया था।
इस बार के चुनाव में एआईएमआईएम ने तो अपना प्रदर्शन (GHMC Elections results 2020) बरकरार रखा है, लेकिन टीआरएस को बड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने बड़ी सेंध लगाकर 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए टीआरएस के सामने बड़ी चुनौती रख दी है। हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने टीआरएस को मात देकर उससे सीट छीनी थी। इसके पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के चार सांसद इसी जगह से चुने गए थे।
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TRS is winning in most seats. As voting was by paper ballot we have to wait 3-4 hours to get exact numbers. I believe BJP numbers will further decline & heavy support for TRS will surface. We’ll have our mayor & do public works uninterrupted: TRS leader K Kavitha on #GHMCElection pic.twitter.com/ySceGWnMVc
— ANI (@ANI) December 4, 2020
बता दें बीजेपी के खाते में 88 सीटे जाती हुई दिख रही थी और यही ट्रेंड भी कर (Hyderabad News) रहा था। इतिहास में पहली बार हैदराबाद में बीजेपी पार्टी का कब्जा होगा। यहां मुख्य मुकाबला AIMIM,BJP और TRS के बीच है। यहां बीती 1दिसंबर को मतदान हुआ था, जिसमें 74.67 लाख मतदाताओं में से केवल 34.50 लाख (46.55 प्रतिशत) ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। कुल एक सौ पचास सीटों के लिए 1122 प्रत्याशी शामिल हुए थे।
बीजेपी सरकार ने कई बार हैदराबाद (Hyderabad News) में सत्ता हासिल करने की कोशिशि की थी, लेकिन हर बार हार का सामना करना पड़ा था। इस बार के नगर निगम चुनाव की बात की जाए तो समीकरण पलटता हुए नजर आ रहा है। अब बीजेपी आंध्र प्रदेश में भी आगे बढ़ने की कोशिश करेगी। तमिलनाडु और केरल अभी भी कमजोर कड़ी है, लेकिन हैदराबाद का आक्रमक रणनीति से बना रास्ता उसे दक्षिण के अन्य राज्यों तक पहुंचा सकता है। फिलहाल, भाजपा के लिए दक्षिण भारत में अपनी मजबूत पहचान और विश्वसनीयता को कायम करना है ताकि क्षेत्रीय दलों के वर्चस्व वाले इन राज्यों में वह अपनी सत्ता जमा सके।
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