New Delhi: किसान आंदोलन (Farmers Protest 2021) का आज 44वां दिन हो गया है, लेकिन नतीजा अब तक जस-तस नहीं हुआ। आज फिर से केंद्र सरकार के साथ आठवें दौर की बैठक होनी है। इससे पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए अन्नदाताओं ने गुरुवार को शक्ति प्रदर्शन किया। किसानों की तरफ से सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और शाहजहांपुर से कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के लिए ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। ट्रैक्टर रैली के चलते गुरुवार को ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर आम लोगों (Farmers Protest 2021) की आना-जाना बंद हो गया था।
किसान आज निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, इतने हजार ट्रैक्टर होंगे शामिल
बता दें सरकार अब आंदोलनकारी (Farmers Protest 2021) किसानों के लिए एक ऐसा प्रस्ताव जारी कर सकती है, जिसमें इन कानूनों को लागू करने का अधिकार राज्यों को दे दिया जाए। लेकिन इसमें राज्यों की भूमिका के साथ कुछ शर्तें भी जोड़ी जा सकती हैं। दूसरा प्रस्ताव ऐसा हो सकता है, जिसमें इन कृषि कानूनों की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की समिति का गठन करना होगा। दरअसल, शुक्रवार की बैठक के लिए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ”मैं अभी कुछ नहीं कह सकता, ये इस बात पर निर्भर करता है कि बैठक में चर्चा के लिए कौनसे मुद्दे उठते है”।
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प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों (Farmers Bill 2020) ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की परेड से पहले ये महज एक ‘‘रिहर्सल’’ है। केंद्र सरकार और आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों के नेताओं के बीच अब तक सात दौर की बैठक हो गई है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हालांकि 30 दिसंबर की बैठक में कुछ सफलता हाथ लगी थी जब सरकार ने बिजली सब्सिडी और पराली जलाने के संबंध में आंदोलनकारी किसानों की दो मांगें मान ली थी।
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