XE Variant of Coronavirus: कोरोना के नए वैरिएंट XE का फैला खौफ, जानिए क्या है कोरोना का XE वैरिएंट और यह कितना खतरनाक है

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Corona XE variant
Corona XE variant

XE Variant of Coronavirus: देश में कोरोना की तीसरी लहर का कहर अब थम चुका है. रोजाना दर्ज किये जाने वाले मामलों में भी भारी गिरावट आई है. कोरोना के मामलों (Covid-19) में कमी आने के बाद ज्यादातर राज्यों में पाबंदियों को खत्म कर दिया गया है. कई राज्यों से तो मास्क की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है. इन सबके बीच भारत में कोरोना के नए वेरिएंट ने दस्तक दी है. मुंबई में दक्षिण अफ्रीकी मूल की एक महिला कॉस्ट्यूम डिजाइनर एक्सई वेरिएंट से संक्रमित होने वाली भारत की पहली व्यक्ति बन गई हैं, हालांकि वैज्ञानिक अध्ययन में अब तक इस बारे में कोई सबूत नहीं मिले हैं. एक्सई स्वरूप का पहला मामला ब्रिटेन में आया था. जानिए कोरोना का XE वैरिएंट क्या है, यह कितना खतरनाक है और इसके क्या-क्या लक्ष्ण हैं.

कितना खतरनाक है XE वेरिएंट?

कोरोना वायरस का ये नया रूप ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो वर्जन से मिल कर बना है. उनका म्यूटेंट हाईब्रिड है. ये दोनों वर्जन हैं BA.1 और BA.2. एक्सई वेरिएंट के मामले सबसे पहले जनवरी 2022 में यूनाइटेड किंगडम में सामने आए थे. फिलहाल पूरी दुनिया में इसके कम ही केस सामने आए हैं. संख्या सैकड़ों में ही है. लेकिन वैज्ञानिकों के माथे पर बल पड़े हुए हैं.

Corona XE variant

दरअसल हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि XE वेरिएंट कोरोना के किसी भी दूसरे वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है. पहले ओमिक्रॉन को सबसे ज्यादा ट्रांसमिसिबल कोरोना वेरिएंट बताया गया था. लेकिन XE के ओमिक्रॉन के BA.2 वेरिएंट से भी 10 पर्सेंट ज्यादा संक्रामक होने की बात सामने आई है.

शुरुआती आंकलन के आधार पर WHO ने आशंका जताई है कि नया वेरिएंट कम्युनिटी के लेवल पर फैल सकता है. लेकिन साथ में ये भी कह दिया कि अभी इस बारे में और जांच-पड़ताल करने की जरूरत है. साथ ही जान के खतरे के लिहाज से एक्सई वेरिएंट कितना घातक है, ये भी साफ नहीं है. और ये भी पता चलना बाकी है कि ये वेरिएंट वैक्सीन इम्युनिटी को भेद सकता है या नहीं.

क्या हैं XE वेरिएंट के लक्ष्ण?

यूके की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुताबिक, एक्सई में नाक बहने, छींकने और गले में खराश जैसे लक्षण होते हैं, जो वायरस के मूल स्ट्रेन के विपरीत होते हैं, क्योंकि मूल स्ट्रेन में आमतौर पर रोगी को बुखार और खांसी की शिकायत रहती है और साथ ही उसे किसी चीज का स्वाद नहीं आता और कोई गंध भी नहीं आती है. 22 मार्च तक इंग्लैंड में एक्सई के 637 मामलों का पता चला था.

XE वेरिएंट को लेकर WHO की चेतावनी

दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के XE वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है। डब्लूएचओ ने कहा कि XE वेरिएंट के बारे में पहली बार यूनाइटेड किंगडम में 1 9 जनवरी को पता चला था। अभी तक इसके 600 सिक्वेंसेज की रिपोर्ट आई है और पुष्टि भी हुई है। शुरुआती अध्ययनों के अनुसार, XE वेरिएंट BA.2 की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। हालांकि, इस वेरिएंट को लेकर हमें और ज्यादा अध्ययन करने की आवश्यक्ता है

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