New Delhi: बिहार में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के दो दफ्तरों में गुरुवार को डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट (ED) ने छापे की। ईडी की ये छापेमारी दरभंगा और पूर्णिया ऑफिस पर की गई है। दरअसल ईडी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया में जुड़े दुकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर (ED Raids PFI) रही है। ईडी को मिली जानाकरी के अनुसार पीएआई ग्रुप द्वारा बड़े पैमाने पर विदेशों में धन की लेन-देन की गई है।
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इस छापेमारी के दौरान बिहार के इन दोनों जिलों में ईडी की टीम की और पीएफआई सदस्यों के बीच हड़कंप मच गई थी। दरभंगा में सिंहवाड़ा थाने के शंकरपुर गांव में ईडी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के बिहार के जनरल सेक्रेटरी मो. आकिब के घर पर छापेमारी की थी। बता दें कि बिहार के अलावा डायरेक्टोरेट ऑफ एनफोर्समेंट (nat) ने देशभर के 9 राज्यों में एक साथ 26 जगह छापेमारी की थी। इनमें केरल, दिल्ली, बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक,और राजस्थान शामिल हैं।
Darbhanga: Enforcement Directorate conducts raid at the residential premises of PFI District President Md Sanaullah#Bihar
— ANI (@ANI) December 3, 2020
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी को इस जांच के दौरान कई सबूत मिले है। जिसमें पीएफआई को विदेशी स्रोतों से भारी धनराशि मिली थी, और कथित तौर पर इसका इस्तेमाल हिंसा के लिए किया गया था। इससे पहले भी ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच (ED Raids PFI) के संबंध में पीएफआई सदस्यों के खिलाफ कई लोगों के बयान दर्ज किए थे।
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इस छापेमारी को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के चेयरमैन ओम अब्दुल सलाम ने ट्वीट कर कहा है कि “केंद्र सरकार बस लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं। जिस तरह फिलहाल देशभर में किसानों का आंदोलन चल रहा है, और जिस तरिके से सरकार की हर कोशिश को किसानों ने नाकाम कर दिया है, तो अब केंद्र सरकार के इशारों पर ईडी ये छापेमारी कर रही है।”
#ED conducts searches in #PFI leaders’ houses. Heinous attempt to divert the #FarmersIssue and hide failure of #BjpGovt. Another exmaple of using const institutions as political tools. Such actions can’t stop us from rising voice for justice or weaken democratic fights for rights
— O M A Salam, Chairman PFI (@oma_salam) December 3, 2020
बता दें कि यूपी में हुए हाथरस मामले के बाद से ही पीएफआई विवादों में आया था। वहीं इस मामले में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से कथित रूप से संबंध रखने के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। मालूम हो कि पीएफआई एक इस्लामिक संगठन है जो अपने को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
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