नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में पाबंदी के बावजूद लोग पटाखे जला पाएंगे। दिवाली में बाजार में ग्रीन पटाखे उपलब्ध होंगे। इन पटाखों से प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही लोग दिवाली भी धूमधाम से मना पाएंगे। इन पटाखों की कीमत भी कम रखी जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि पर्यावरण फ्रेंडली ग्रीन पटाखों की कीमत ज्यादा नहीं होगी। हमने इसके लिए पैरामीटर तय किया है। ग्रीन पटाखों से 30 फीसदी से ज्यादा वायु प्रदूषण कम होगा। उन्होंने कहा कि बाजार में फेक ग्रीन पटाखे न बेंचे जाएं, इसके लिए भी कदम उठाए जाएंगे।
ये भी पढ़ें: दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले हो जाएं सावधान, हवाओं में घुलने वाला है जहर
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फेक ग्रीन पटाखों में क्यूआर कोड होगा, जिसके जरिए पता चल जाएगा कि कौन सा ग्रीन पटाखा है और कौन सा प्रदूषण ज्यादा फैलाने वाला पटाखा है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में पटाखों की वजह से दिवाली के अवसर पर वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। इसके चलते लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।
किसने तैयार किए ग्रीन पटाखे?
शनिवार को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि साल 2017 में भी चेन्नई में आयोजित इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में प्रदूषण पर ही चर्चा की गई थी। दिवाली में पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। लिहाजा मैंने वैज्ञानिकों से अपील की थी कि वो ग्रीन पटाखे बना सकते हैं और वायु प्रदूषण को कम करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके बाद CSIR और NEERI के वैज्ञानिकों ने ग्रीन पटाखे तैयार किए हैं।
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि अनार, पेंसिल, चकरी और फुलझड़ी जैसे पटाखे बाजार में बेचने के लिए तैयार हैं। इनमें क्यूआर कोड लगाया गया है, जिससे पता चल जाएगा कि पटाखा फेक है या ओरिजनल है। ग्रीन पटाखों को बनाने के लिए 230 एमओयू और 165 करार पर दस्तखत किए गए हैं।
ये भी पढ़ें: सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाएगी सरकार