New Delhi: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को स्वदेशी तौर पर विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्सन सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर व्हीकल (Hypersonic Technology Demontrator Vehicle) की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और इसके वैज्ञानिकों को बधाई दी है।
#WATCH DRDO‘s successful demonstration of the Hypersonic air-breathing scramjet technology with the flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle, at 1103 hours today from Dr. APJ Abdul Kalam Launch Complex at Wheeler Island, off the coast of Odisha pic.twitter.com/aC1phjusDH
— ANI (@ANI) September 7, 2020
रक्षामंत्री ने कहा कि संस्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में जुटा है। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘डीआरडीओ ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.’
I congratulate to DRDO on this landmark achievement towards realising PM’s vision of Atmanirbhar Bharat. I spoke to the scientists associated with the project and congratulated them on this great achievement. India is proud of them.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 7, 2020
डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की ओर से विकसित (HSTDV) का परीक्षण सुबह 11.03 बजे अग्नि मिसाइल के जरिए किया गया। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, डीआरडीओ अगले पांच सालों में स्क्रैमजेट इंजन के इस्तेमाल से हाइपरसोनिकल मिसाइल डिवेलप कर लेगा, जिनकी स्पीड मैक 6 होगी। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर व्हीकल की सफल लॉन्चिंग के बाद ये अब अगले चरण की प्रक्रिया के लिए स्थापित हो गई हैं।
गवर्नर कॉन्फ्रेंस में पीएम बोले, सरकार की नहीं ये देश की शिक्षा नीति है
इसका इस्तेमाल बेहद तेज गति से लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों और रॉकेट्स के प्रक्षेपण में यान के तौर पर किया जाएगा। डीआरडीओ ने इस मिशन को ऐतिहासिक करार दिया है। संस्था ने ट्वीट कर कहा कि इस मिशन के साथ ही यह साबित हो गया है कि डीआरडीओ बेहद प्रदर्शन कर सकता है। उसने कहा, ‘यह औद्योगिक जगत के साथ अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक वाहनों के निर्माण का रास्ता खोलने वाला है।’
In a historic mission today, India successfully flight tested Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV), a giant leap in indigenous defence technologies and significant milestone towards a #sashaktbharat and #atmanirbharbharat.
— DRDO (@DRDO_India) September 7, 2020
डीआरडीओ ने यह परीक्षण ओडिशा के वीलर आइलैंड स्थित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम लॉन्च कंप्लेक्स से किया। बता दें कि भारत सोमवार को अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा चौथा मिल बन गया जिसके पास हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी है। भारत ने वह तकनीक हासिल कर ली है जिससे मिसाइलों की स्पीड साउंड से छह गुना अधिक करने का रास्ता साफ हो गया है।