एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने आज पीएम मोदी की मौजूदगी में अपना नामांकन दाख़िल कर दिया है। वहीं विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन भरेंगे।
#WATCH NDA's Presidential candidate Droupadi Murmu files her nomination today in the presence of PM Modi, Union cabinet ministers & CMs of BJP & NDA-ruled states pic.twitter.com/ennt3naoCB
— ANI (@ANI) June 24, 2022
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के नामांकन दाख़िल करने के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संसद भवन में मौजूद थे।
#WATCH दिल्ली: NDA की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू अपना नामांकन दाखिल करने संसद भवन पहुंचीं। pic.twitter.com/njqllAxtiX
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अपनी मजबूती का दावा करने के लिए, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी संसद पहुंचे।
कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई ने भी समर्थन करने हुए कहा कि मुर्मू के नाम का प्रस्ताव एक बेहद उचित निर्णय है।
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू द्वारा नामांकन दाखिल करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद भवन पहुंचे। pic.twitter.com/S9eG3138kP
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हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने द्रोपदी मुर्मू के नामांकन पर कहा कि यूपीए अगर सर्वसम्मति से एनडीएके उम्मीदवार का समर्थन करेगी तो देश में अच्छा संदेश जाएगा।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त), भूपेंद्र यादव, गिरिराज सिंह भी मौजूद थे।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला और आदिवासी राज्यपाल थीं। राज्यपाल पद से सेवानिवृति के बाद वे अपने गृह राज्य ओड़िशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर में रहती हैं। यह उनके पैतृक गांव बैदापोसी का प्रखंड मुख्यालय है। वे झारखंड में अब तक के सबसे लंबे वक़्त (छह साल से कुछ अधिक वक़्त) तक राज्यपाल रहीं।
अगर द्रौपदी मुर्मू मत जीत गईं तो वे भारत की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन सकती हैं। वह एनडीए की उम्मीदवार हैं और एनडीए मतों के मामले में जीत के ज्यादा क़रीब है।
कभी क्लर्क थीं द्रौपदी मुर्मू
साल 1979 में भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से बीए पास करने वाली द्रौपदी मुर्मू ने अपने पेशेवर करियर की शुरुआत ओड़िशा सरकार में एक क्लर्क के तौर पर नौकरी से की थी। तब वह सिंचाई और ऊर्जा विभाग में जूनियर सहायक थीं। बाद के सालों में वह शिक्षक भी रहीं हैं।
उन्होंने रायरंगपुर के श्री अरविंदो इंटिग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर में मानद शिक्षक के तौर पर पढ़ाया है। नौकरी के दिनों में उनकी पहचान एक मेहनती कर्मचारी के तौर पर थी।