New Delhi: कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा (Death of Motilal Vora) का निधन हो गया है। मोतीलाल वोरा ने 93 साल में दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। बता दें कुछ दिने पहले वे कोरोना संक्रमित हुए थे और कई दिनों से एम्स में अपना इलाज करा रहे थे। वोरा के निधर पर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने श्रद्धांजलि देते हुए कभी न भूलने वाला नेता कहा है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने भी वोरा (Death of Motilal Vora) को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
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PM Narendra Modi condoles the death of senior Congress leader Moti Lal Vohra.
“Motilal Vora Ji was among the senior-most Congress leaders, who had vast administrative and organisational experience in a political career that spanned decades”, tweets PMO quoting PM Modi https://t.co/xpSpO5VhUi pic.twitter.com/HiVwyhL9eV
— ANI (@ANI) December 21, 2020
Congress leader Rahul Gandhi condoles the passing away of party leader Moti Lal Vohra.
“Vora ji was a true congressman and a wonderful human being,” tweets Rahul Gandhi. https://t.co/xpSpO5VhUi pic.twitter.com/OHt0VWFLm6
— ANI (@ANI) December 21, 2020
मोतीलाल वोरा (Death of Motilal Vora) का राजनीतिक सफर काफी अच्छा रहा। वे हमेशा दिग्गज नेताओं में शुमार रहे और करीब 50 सालों से कांग्रेस के साथ संगठनों में जुड़े रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वोरा का राजनीतिक सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ था और शुरुआत में वोरा समाजवादी विचारधारा वाली पार्टी के साथ जुड़े थे, लेकिन उसके बाद 1970 में कांग्रेस में आए और कांग्रेस पार्टी के उच्च पदों पर रहने के बाद राज्यसभा तक भी पहुंचे। वोरा विवादों में भी फंसे लेकिन अपने कामों के चलते राजीव गांधी के चहेते बने रहे।
1983 में इंदिरा गांधी सरकार में वोरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में वोरा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद राजीव गांधी सरकार में भी वोरा शामिल हुए, जिसके बाद वोरा को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। खास बात ये है कि मोतीलाल वोरा ने राजनीति में कदम रखने से पहले पत्रकारिता की थी। यानी वे पत्रकार थे।
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राजस्थान के जोधपुर में ब्रिटिश इंडिया के जमाने में जन्मे वोरा ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और कलकत्ता से शिक्षा हासिल करने के बाद कई अखबारों के साथ काम किया था। इसके अलावा, वोरा सामाजिक कामों में भी हमेशा आगे रहे थे। इसके बाद वह अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री रहने के अलावा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। वोरा के बेटे अरुण वोरा भी राजनीति में शामिल हैं और छत्तीसगढ़ के दुर्ग से तीन बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं।
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