New Delhi: देश भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से हर कोरोना के 80 हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं, लेकिन इस बीच अच्छी खबर ये है कि भारत बायोटेक की तरफ से बनाई जा रही कोरोना की वैक्सीन (Covaxin Trial Phase 2) के पहले फेज का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो गया है।
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अब कंपनी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से दूसरे दौर के क्लीनिकल ट्रायल के लिए इजाजत मांगी है। जिसके बाद कोवैक्सिन के फेज-2 ट्रायल्स (Covaxin Trial Phase 2) सोमवार से शुरू किए जाएंगे। पहले चरण में जिन्हें को-वैक्सीन दी गई, उनमें एंटीबॉडी चार गुना बढ़ी मिली है और सभी स्वस्थ हैं। अब अगले सप्ताह से पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में पंजीकरण कराने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रहे लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की बात करें तो रूस ने पिछले महीने ‘स्पतनिक V’ कोविड वैक्सीन लॉन्च की थी। दुनियाभर के एक्सपर्ट्स ने बिना पर्याप्त ट्रायल वैक्सीन लॉन्च करने के लिए रूस की आलोचना की थी। लेकिन अब SPUTNIK-V के ट्रायल्स पर मेडिकल जर्नल लैंसेट ने मुहर लगा दी है। यानी रूसी वैक्सीन को लेकर जो अविश्वास का माहौल बना था, वह कुछ हद तक कम हो गया है।
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बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड वैक्सीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि हमारे मानदंडों के अनुसार, क्लिनिकल ट्रायल के एडवांस स्टेज में पहुंची कोई भी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन 50 फीसदी प्रभावी भी नहीं है। WHO ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं है कि अगले साल यानी 2021 तक भी दुनिया के सभी लोगों को वैक्सीन की खुराक मिल सकेगी।