मिनी सचिवालय बनवाए पर पंचायत सचिव नहीं आए, गांव का सचिवालय बना भैंसों का तबेला, देखिए Video

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उत्तर प्रदेश फतेहपुर से लेकर भिटौरा ब्लाक के मोदन मंसूरपुर गांव में मिनी सचिवालय का कोई सानी नहीं, अनदेखी के चलते सचिवालय का जर्जर हो ना खुद अपने आप पर आंसू बहाता नजर आ रहा है। इस सचिवालय  में पूरी तरह से बदहाली देखी जा सकती है।

गंदगी का अंबार

दरवाजे नहीं है नीचे के फर्श पूरी तरह से टूटी हुई है यहां पर गंदगी का अंबार है। बैठक कक्ष में जहां पर प्रधान को बैठकर जनता की सुनवाई करना चाहिए आज वहां पर ना ही प्रधान है और ना ही जनता है अगर है तो सिर्फ  भैंसों का तबेला बाउंड्री पूरी तरह से टूटी पड़ी है और शौचालय भी अपना वजूद खो चुका है।

पानी घुटनों तक भर जाता है पानी

कच्चा रास्ता होने के कारण बारिश में पानी घुटनों तक भर जाता है, आखिरकार प्रधान ने इस सचिवालय की साफ सफाई करने की आवश्यकता नहीं समझी जनता भी करे तो क्या करें क्योंकि प्रधान की तूती के आगे जनता की बिलकुल नहीं चलती अगर कोई प्रधान से सवाल भी कर देता है, तो उसका खामियाजा खुद उसको भुगतना पड़ता है।

गांव के प्रधान से लोग परेशान

सरकार की मनशाओ पर जिस तरह से प्रधान की अनदेखी के चलते पानी फिरता नजर आ रहा है, सरकार ने सचिवालय का निर्माण इसलिए करवाया था, कि ग्रामीणों को इधर-उधर अपनी परेशानियों को लेकर भटकना न पड़े सचिवालय में बैठकर प्रधान ग्रामीणों की समस्याएं सुने और उसके निवारण के लिए आला अधिकारियों को अवगत कराएं यही नहीं अगर गांव में किसी के यहां बारात है तो उसका उपयोग किया जा सकता है। मगर इन ग्रामीणों को इस ग्रामीण मिनी सचिवालय का कोई भी लाभ नहीं मिलता।

लाभ के रूप में अगर देखा जाए तो सरकार का धन मिनी सचिवालय के निर्माण में जो लगा आज तस्वीरों को देखते हुए कहना गलत नहीं होगा कि सिर्फ और सिर्फ भैंसों के बांधने के लिए यह मिनी सचिवालय खुद हकीकत दर्शाते नजर आ रहा है। जब इस बारे में ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग कई बार प्रधान से इस बारे में बात कर चुके मगर प्रधान हम लोगों की एक नहीं सुनता हम लोगों के यहां शादी जैसे कार्यक्रम अगर होते हैं तो हम लोगों को उसकी व्यवस्थाएं इधर-उधर करनी पड़ती है। वहां पर जो भैंस बंधी है, इस बारे में प्रधान से कई बार हम लोगों ने बात करी मगर प्रधान के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। समझौता करके ग्रामीण अपनी दैनिक जीवन जीने के लिए मजबूर है। इस बारे में जब प्रधान से बात करना चाहे तो प्रधान ने कैमरे के सामने कोई भी बयान बाजी देने से इनकार कर दिया।

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