योगा शिक्षक और व्यवसायी बाबा रामदेव (Baba ramdev) इस वक्त सोशल मीडिया में जमकर ट्रेंड कर रहे हैं। देश का एक धड़ा उनकी कंपनी पतंजलि (Patanjali Ayurved) के प्रोडक्ट के बहिष्कार के लिए अभियान चला रहा है।
दरअसल, रामदेव के खिलाफ लोगों के गुस्से का अंदजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि #रामदेवभारतछोड़ो हैश टैग ट्रेंड पर है। गौरतलब है कि शनिवार से ट्विटर (Twitter) पर #पतंजलिकाबहिष्कार और #ArrestRamdev जैसे अन्य हैशटेग ट्रेंड कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बाबा रामदेव के खिलाफ सोशल मीडिया में ये अभियान क्यों चलाया जा रहा है ? बता दें कि रामदेव के खिलाफ लोगों के गुस्से का कारण समाज सुधारक पेरियार पर दिया गया बयान और कथित तौर पर दलित समाज पर की गई विवादित टिप्पणी है।
रामदेव द्वारा कथित तौर पर दलित समाज पर की गई विवादित टिप्पणी-
सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव की एक विडियो वायरल (Viral) हो रहा है। इस वीडियो में बाबा एक सवाल के जवाब में हिंदू वर्ण व्यवस्था के चारों वर्णों पर बात करते दिखाई दे रहे हैं। वह कह रहे हैं, ”मैं दिमाग से ब्राह्मण, भुजा से क्षत्रिय, और प्रबंधन से वैश्य और सेवा में दलित हूं।”
रामदेव के इसी बयान के बाद लोग उन पर मनुस्मृति समर्थक और जातिवादी होने का आरोप लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि बाबा रामदेव का ये बयान उनकी जातिवादी (Racist) सोच को दिखाता है। वह दलितों को आज भी कम आंकते हैं, दलितो को बस सेवा करते देखना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि बाबा रामदेव ने तमिलनाडु (Tamilnadu) के बड़े समाज सुधारक पेरियार ई वी रामास्वामी (Periyar E. V. Ramasamy) को लेकर भी एक विवादित टिप्पणी की थी, इस पर दक्षिण भारतीयों ने (South indian) उनसे काफी नाराजगी जाहिर की थी।
रामदेव ने पेरियार को लेकर बोला था, जिस तरह से पेरियार हिंदू देवी देवताओं को लेकर गलत बोलते थे अगर वह मेरे वक्त में होते तो उसमें इतने जूते पढ़ते की वह मारा जाता। उनके इस बयान को लेकर भी सोशल मीडिया पर अभियान चल रहा है।
रामदेव के इस बयान पर दलित सामाजिक संगठन भीम आर्मी (Bhim army) ने उनका कड़ा विरोध करते हुए बाबा रामदेव के खिलाफ प्रर्दशन करने की बात कही थी। वहीं दूसरी तरफ कुछ दलित प्रोफेसर और अध्यापक ने भी बाबा रामदेव को चेताया है कि वह समाज से मांफी मांगे नहीं तो उनके उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा।