सेना बोली-‘जोश और होश का हो तालमेल, FIR हुई तो नहीं मिलेगा मौका, तारीखों का भी ऐलान

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Joint Press Conference On Agnipath
Joint Press Conference On Agnipath

Joint Press Conference On Agnipath: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देशभर के युवाओं में आक्रोश है। इसी बीच थल सेना, नौसेना सेना और वायु सेना ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और युवाओं के मन से स्कीम को लेकर संदेह को दूर करने की कोशिश की।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीनों सेनाओं ने इस योजना के फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि, “ये रिफॉर्म काफी पहले से होना था। 1989 में ये काम शुरू हुआ था। हमारी तमन्ना थी कि ये काम शुरू हो, इस पर लगातार काम चल रहा था। जिसमें कमांडिंग ऑफिसर की उम्र कम की गई। ऐसे ही कई बदलाव हुए।”

विचार-विमर्श करके योजना लाए हैं- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस योजना के बारे कहा कि, अग्निपथ योजना काफी विचार-विमर्श के बाद लाई गई है। इस योजना को लेकर पिछले 2 सालों से चर्चा चल रही थी। अग्निपथ स्कीम से जुड़ने वाले युवाओं के जोश औऱ होश के बीच तालमेल बनेगा, युवाओं के लिए ये योजना फायदेमंद है। हर अग्निवीर को न सिर्फ एक जवान की तरह ही फायदे मिलेगें, बल्कि आज की तुलना में अग्निवीरों को ज्यादा अलाउंस और सुविधाएं मिलेंगी।”

उन्होंने सेनानिवृति के सवाल पर कहा, “हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं में समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। ये योजना युवाओं के भविष्य के लिए सोच-समझकर उठाया गया कदम है।”

जोश और होश का कॉन्म्बिनेशन चाहिए- सेना 

प्रेस कॉन्फ्रेंस (Joint Press Conference On Agnipath) में कहा गया कि, “हमें यूथफुल प्रोफाइल चाहिए। हमारी कोशिश है कि हम किसी तरह से यंग हो जाएं। यूथ के पास जुनून और जज्बा ज्यादा है। लेकिन इसके साथ हमें होश की भी जरूरत है। सिपाही को जोश माना जाएगा, इसके बाद हवलदार से ऊपर के सभी लोग होश वाली कैटेगरी में आते हैं। हम यही चाहते हैं कि जोश और होश बराबर हो जाएं। कल ड्रोन वॉरफेयर होगा, आज एक टैंक को कोई आदमी नहीं बल्कि ड्रोन चला रहा है। इसके लिए अलग किस्म के लोग चाहिए। भारत का नौजवान टेक्नोलॉजी के साथ पैदा हुआ है।”

FIR होने पर नहीं मिलेगा मौका- सेना

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देशभर में हो रहे प्रदर्शन पर बात करते हुए सेना ने अपनी नाराजगी जाहिर की। सेना ने कहा कि “कुछ संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने छात्रों से तैयारी के लिए पैसे लिए और उन्हें उकसा रहे हैं। सेना ये बात स्पष्ट कर देना चाहती है कि अगर किसी भी युवा के खिलाफ FIR होती है तो उसे सेना में भर्ती होने का मौका नहीं दिया जाएगा।”

बलिदान देने वाले अग्निवीरों को मिलेगा मुआवजा- सेना

देश की सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर बलिदान देता है तो उसे एक करोड़ रुपए का मुआवजा मिलेगा। सियाचिन और अन्य क्षेत्रों में जो भत्ता और सुविधाएं वर्तमान में नियमित सैनिकों को मिलती हैं वही अग्निवीरों को भी मिलेंगी। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

24 जून से पहले बैच की प्रक्रिया शुरू होगी- वायुसेना

एयर मार्शल एसके झा ने भर्ती प्रक्रिया के बारे में ऐलान करते हुए कहा कि “भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू होगी। ये ऑनलाइन सिस्टम है, जिसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। 24 जुलाई से फेज-1 की ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू होंगी। दिसंबर के अंत तक पहला बैच वायुसेना में शामिल हो जाएगा और 30 दिसंबर से ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।”

नौसेना जारी करेगी नोटिफिकेशन

नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा, “हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारी एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।”

थलसेना नोटिफिकेशन जारी करेगी

1 जुलाई को थलसेना की ओर से नोटिफिकेशन जारी की जाएगी जिसके बाद से अग्निवीरों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

भर्ती प्रक्रिया के लिए तारीखों का एलान

प्रेस कॉन्फ्रेंस (Joint Press Conference On Agnipath) के दौरान तीनों सेनाओं ने भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। थलसेना की भर्ती प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू होगी, वायुसेना की भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी और नौसेना की भर्ती प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी।

अग्निवीरों के लिए प्रमुख बातें-

  • चार साल के लिए वायुसेना में भर्ती।
  • हर साल 30 दिन की छुट्टी मिलेगी।
  • सिक लीव भी मिलेगा।
  • हर महीने 30 हजार की सैलरी।
  • हर साल इन्क्रीमेंट।
  • रिस्क, ट्रेवल, ड्रेस और हार्डशिप अलाउंस।
  • कैंटीन सुविधा और मेडिकल सुविधा।
  • चार साल के बाद अग्निवीरों को 10.04 लाख सेवा निधि के रूप में।
  • असम राइफल्स और सीएपीएफ में नौकरियों में वरीयता।
  • शहादत पर परिवार को बीमा समेत करीब एक करोड़ की राशि।
  • विकलांगता पर एक्स-ग्रेशिया और बची हुई नौकरी की सैलरी और सेवा निधि।
  • वायुसेना की गाइडलाइंस के अनुसार ऑनर और अवॉर्ड।

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