New Delhi: गृह मंत्रालय के फैसले के बाद यूजीसी (UGC) ने सोमवार को विश्वविद्यालयों और कालेजों की परीक्षाओं को लेकर गाइड लाइन जारी की है. जिसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसे फैसले को खत्म कर दिया है. साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए इन्हें सितंबर के अंत तक कराने की अनुमति दी है.
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जो ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी. यूजीसी (UGC) ने साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों को यह भी सहूलियत दी है, की वह इन परीक्षाओं की परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी करा सकते हैं. परन्तु परीक्षा करने की अनुमति यूजीसी को देनी होगी.
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यूजीसी(UGC) ने इससे पहले 29 अप्रैल को जारी जानकारी में सभी विवि और कालेजों से एक से पंद्रह जुलाई के बीच आखिरी वर्ष की परीक्षाएं कराने को कहा था. जबकि पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए 15 से 30 जुलाई तक का समय तय किया था.
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इस बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, कई राज्यों और विश्वविद्यालयों ने मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाएं कराने से हाथ खड़े कर दिए थे. जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय(HRD) ने यूजीसी (UGC) से परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन को नए सिरे से देखने के निर्देश दिए थे.
यूजीसी(UGC) ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की अगुवाई में एक कमेटी गठित की थी. जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी(UGC) बोर्ड ने यह फैसला लिया है.यूजीसी ने इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कहा है, कि यदि इसके बाद भी कोई छात्र आखिरी वर्ष की परीक्षाएं नहीं दे पाता है मगर छात्र उचित तर्क देता है.
तो उस छात्र को दुबारा मौका दिया जाना चाहिए. यूजीसी का सबसे ज्यादा जोर आखिरी वर्ष की परीक्षाओं को लेकर है. जबकि पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों के लिए यूजीसी ने पहले ही विश्वविद्यालयों से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्र को अगले वर्ष बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.