हिन्दी राष्ट्रभाषा को लेकर किच्चा सुदीप और अजय देवगन के बीच की लड़ाई अब कर्नाटक के नेताओं तक आई

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हिन्दी राष्ट्रभाषा है या नहीं इसे लेकर अजय देवगन (Ajay Devgn) के प्रतिक्रिया के बाद खुब बहस छिड़ चुकी है। इस बहस में अब कर्नाटक के नेता अजय देवगन के खिलाफ एकजुट हो गए हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने अभिनेता अजय देवगन को घेरते हुए किच्चा सुदीप (Kiccha Sudeep) के बयान को अपना समर्थन दिया है।

किच्चा सुदीप का पक्ष समझना चाहिए: बसवराज 

किच्चा सुदीप (Kiccha Sudeep) को सही ठहराते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने कहा, “किच्चा सुदीप ने जो कहा वह सही था। एक क्षेत्रीय भाषा सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि एक राज्य भाषाई आधार पर बनता है। सुदीप ने जो कहा है उसे सभी को समझना और सम्मान करना चाहिए।

किच्चा सुदीप को पूर्व सीएम का भी समर्थन

हिन्दी राष्ट्रभाषा है या नहीं इस मामले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (HD Kumaraswamy) ने भी अपना पक्ष स्पष्ट किया है। उन्होंने लिखा, “किच्चा सुदीप का ये कहना कि हिन्दी राष्ट्रभाषा नहीं है, सही है। उनके इस बयान में गलती निकालने की कोई बात नहीं है। अजय देवगन अपने स्वभाव में न सिर्फ हाइपर हैं बल्कि वे अपना हास्यास्पद व्यवहार दिखाते हैं।”

पूर्व सीएम ने अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgn) को उनकी पहली फिल्म की याद दिलाते हुए कहा, “अजय देवगन को ये समझना चाहिए कि कन्नड़ सिनेमा हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री को पीछे छोड़ रहा है। कन्नड़ लोगों के प्रोत्साहन से हिन्दी सिनेमा का विकास हुआ है। अजय देवगन को ये नहीं भूलना चाहिए कि उनकी पहली फिल्म फूल और कांटे बेंगलुरू में एक साल चली थी। खुद को श्रेष्ठ समझने की लत देश का बंटवारा कर रही है। बीजेपी का बोया एक बीज देश को बांटने वाला संक्रामक हो गया है। ये भारत की एकता के लिए खतरा है।”

कांग्रेस की ओर से भी आई प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) ने भी इस मामले में एक ट्विट करते हुए लिखा, “मुझे कन्नड़ होने पर गर्व है। देश की भाषाई विविधता की सराहना करना हर भारतीय की जिम्मेदारी है। प्रत्येक भाषा का अपना समृद्ध इतिहास होता है, जिस पर लोगों को गर्व होता है।”

डीके शिवकुमार बने बहस का हिस्सा

कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) भी इस बहस में शामिल हो गए। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत में 19,500 मातृभाषाएं बोली जाती हैं। हर भाषा में भारत के प्रति प्यार एक जैसा होता है। एक गर्वित कन्नडिगा और एक गौरवान्वित कांग्रेसी के रूप में मुझे सभी को याद दिलाना चाहिए कि कांग्रेस ने भाषाई आधार पर राज्यों का निर्माण किया ताकि कोई एक भाषा दूसरी पर हावी न हो।”

कैसे शुरू हुआ मामला ?

दरअसल किच्चा सुदीप (Kiccha Sudeep) ने कन्नड़ फिल्म KGF-2 को लेकर एक बयान दिया था और कहा था कि हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा नहीं माना जा सकता। उन्होंने बॉलीवुड से अपील करते हुए कहा, कि वो अपनी फिल्मों के डब संस्करण जारी करे।

उनके इसी बयान पर अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgn) ने हिन्दी में ट्वीट कर लिखा, “आपके अनुसार अगर हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फ़िल्मों को हिन्दी में डब करके क्यूँ रिलीज़ करते हैं? हिन्दी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जन गण मन।”

किच्चा सुदीप ने दी सफाई

मामले को तूल पकड़ता देख किच्चा सुदीप (Kiccha Sudeep) ने अजय देवगन (Ajay Devgn) के नाम एक ट्विट करते हुए लिखा कि उन्होंने जिस संदर्भ में वो लाइन कही थी, वो सही तरीके से नहीं पहुंची। किच्चा सुदीप ने लिखा, “उनका इरादा किसी को चोट पहुंचाना, उकसाना या बहस शुरू करना नहीं था। आपकी ओर से हिन्दी में भेजे गए टेक्स्ट को मैं समझ पाया, केवल इसलिए क्योंकि हम सभी ने हिन्दी का सम्मान किया, प्यार किया और सीखा।”

अजय देवगन ने दिया जवाब

किच्चा सुदीप (Kiccha Sudeep) की सफाई पर अजय देवगन (Ajay Devgn) ने भी प्यार जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “किच्चा सुदीप, आप एक दोस्त हैं। गलतफहमी को दूर करने के लिए धन्यवाद। मैं हमेशा यही सोचा है कि फिल्म इंडस्ट्री एक है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि सभी हमारी भाषा का भी सम्मान करें।”

देवगन के इस ट्विट का जवाब देते हुए किच्चा सुदीप (Kiccha Sudeep) ने लिखा, “अनुवाद और उसका मतलब निकालना दृष्टिकोण है। इसलिए बिना पूरा मामला जाने प्रतिक्रिया नहीं दे रहा। मैं आपको दोष नहीं दे रहा। शायद मेरे लिए ये खुशी का पल होता अगर मुझे किसी क्रिएटिव वजह से आपका ट्वीट मिलता।”

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