Marjaavaan Review: मसाला भरपूर फिर भी फीकी लगती है सिद्धार्थ की फिल्म मरजावां

सिद्धार्थ मल्होत्रा, तारा सुतारिया और रितेश देशमुख स्टारर फिल्म मरजावां बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म के ट्रेलर और गानों को देखकर फिल्म के लिए दर्शकों में काफी क्रेज बना हुआ था। अब जबकि फिल्म रिलीज हो चुकी है तो चलिए जानते हैं कैसी बनी है फिल्म मरजावां-

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मुंबई: सिद्धार्थ मल्होत्रा, तारा सुतारिया और रितेश देशमुख स्टारर फिल्म मरजावां बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हो चुकी है। फिल्म के ट्रेलर और गानों को देखकर फिल्म के लिए दर्शकों में काफी क्रेज बना हुआ था। अब जबकि फिल्म रिलीज हो चुकी है तो चलिए जानते हैं कैसी बनी है फिल्म मरजावां-

कहानी
मरजावां फिल्म की कहानी रघु (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की है, जो अन्ना (नासर) जैसे टैंकर माफिया किंग के लिए तमाम वो गैरकानूनी काम करता है जो अपराध की दुनिया में आम होते हैं। अन्ना को रघु गटर के पास पड़ा मिला था, जिसके बाद अन्ना ने ही रघु का पालन-पोषण किया। इसके बाद रघु बड़ा होकर अन्ना का राईट हैंड बन गया। अन्ना रघु को बेहद प्यार करता है और अपने बेटे विष्णु( रितेश देशमुख) से भी ज्यादा मानता है। यही वजह है कि विष्णु रघु से नफरत करता है। रघु अपराध की दुनिया में रच बस चुका है, लेकिन उसकी जिंदगी उस वक्त पूरी तरह से बदल जाती है जब कश्मीर से आई गूंगी लड़की जोया( तारा सुतारिया) उसकी जिंदगी में आती है। वह रघु को अच्छाई के रास्ते पर लेकर जाना चाहती है, लेकिन विष्णु रघु को बर्बाद करने के चक्कर में कुछ ऐसा करता है कि रघु को खुद अपने हाथों से अपनी मोहब्बत का कत्ल करना पड़ता है। इसके बाद रघु एक जिंदा लाश बनकर रह जाता है। वहीं, दूसरी ओर बस्ती वालों पर विष्णु के अत्याचार बहुत बढ़ जाते हैं। रघु जोया जोकि उसकी जिंदगी बन जाती है उसे क्यों मारता है? वह विष्णु से अपनी जोया के कत्ल का बदला कैसे लेता है? और कैसे उसके अत्याचारों का खात्मा करता है? इसके लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा।

एक्टिंग
फिल्म में किरदारों की एक्टिंग की बात करें तो सिद्धार्थ मल्होत्रा ने अपने किरदार में जान डाल दी है। हालांकि, कहीं-कहीं वह रघु के किरदार में कमजोर दिखाई देते हैं। इससे पहले हम उन्हें ‘एक विलेन’ में इस तरह के किरदार में देख चुके हैं। तारा सुतारिया जोया के किरदार में खूबसूरत दिखी हैं। उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया है। रितेश देशमुख बौने के किरदार में दर्शकों को पसंद आ रहे हैं। उन्होंने विलेन के किरदार को अच्छे से निभाया है। उनके कुछ डायलॉग्स भी दर्शकों को इंप्रेस कर जाते हैं। वहीं, नासर एक यादगार किरदार निभा जाते हैं। बार डांसर के किरदार में रकुल प्रीत ठीक-ठाक है।

डायरेक्शन
लेखक-निर्देशक मिलाप जावेरी ने प्यार-मोहब्बत, बदला, कुर्बानी, जैसे तमाम इमोशंस के साथ जो कहानी बुनी, वह दिल को छूती जरूर है, लेकिन प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहती है। एक फिल्म को मसालेदार बनाने के लिए जो मसाला चाहिए होता है, फिल्म में वह सब है, लेकिन फिर भी डायरेक्टर इस फिल्म को बेहतरीन बनाने से चूक गए।

संगीत
फिल्म मरजावां का संगीत अच्छा है। जुबिन नौटियाल की आवाज में गाया हुआ गाना ‘तुम ही आना’ मधुर है और सबके दिलों में उतर भी चुका है। नेहा कक्कड़ का गाना ‘एक तो कम जिंदगानी’ भी दर्शकों को काफी पसंद आया है। इस गाने में नोरा फतेही काफी खूबसूरत लगी है। फिल्म में एक्शन अच्छा है।

कमजोर कड़ी
मिलाप जावेरी फिल्म को प्रभावशाली बनाने में नाकामयाब रहे हैं। तारा सुतारिया और सिद्धार्थ की एक्टिंग अच्छी है, लेकिन दोनों के बीच में केमिस्ट्री की कमी खलती है। फिल्म के डायलॉग्स ओवर द टॉप हैं। फिल्म के कुछ सीन मेलोड्रामा से भरे हुए हैं, जो बोरिंग करते हैं। अंत में कहना चाहेंगे अगर आप सिद्धार्थ मल्होत्रा के फैन हैं और रितेश देशमुख को बौने और नेगेटिव किरदार में देखना चाहते हैं तो आप ये फिल्म देख सकते हैं।

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