देवउठनी एकादशी पर सभी देवता मनाते हैं दीपोत्सव, इस दिन भूलकर भी न करें ये काम

एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, इनमें से 12 शुक्ल पक्ष की होती हैं और 12 कृष्ण पक्ष की। वैसे तो हर महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी शुभ और मंगलकारी होती है, लेकिन कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की एकादशी विशेष फलदायक और मंगलकारी मानी जाती है। इस एकादशी को देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। इस बार यह एकादशी 8 नवंबर, शुक्रवार को है।

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नई दिल्ली:एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, इनमें से 12 शुक्ल पक्ष की होती हैं और 12 कृष्ण पक्ष की। वैसे तो हर महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी शुभ और मंगलकारी होती है, लेकिन कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की एकादशी विशेष फलदायक और मंगलकारी मानी जाती है। इस एकादशी को देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। इस बार यह एकादशी 8 नवंबर, शुक्रवार को है।

मान्यता

माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीनों की नींद से जागते हैं। भगवान के जाग्रत होते ही रुके हुए सभी शुभ कार्य होने शुरू हो जाते हैं। मान्यता है कि जो इस एकादशी का व्रत करता है, उसे मोक्ष की प्रप्ति होती है। इस दिन विशेष कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है, तो वहीं कुछ कार्य ऐसे भी होते हैं जो इस दिन बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए। चलिए जानते हैं कौन से कार्य इस दिन भूलकर भी नहीं करने चाहिए-

चावल का न करें सेवन
शास्त्रों में एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन जो चावल का सेवन करता है, वह अगले जन्म में रेंगने वाले कीड़े के योनि में जन्म लेता है।

बुरे व्यवहार से बचें
एकादशी के दिन भूलकर भी किसी के प्रति बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु नाराज होते हैं। ऐसे में बनते काम भी बिगड़ सकते हैं। अत: इस दिन अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए।

झगड़ा न करें
देवउठनी एकादशी का दिन काफी शुभ रहता है। इस दिन से सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। ऐसे में अगर कोई इस दिन अपने परिवार में क्लेश करता है तो वह दुख का भागी बनता है। इसलिए इस दिन भूलकर भी अपने घर में झगड़ा नहीं करना चाहिए।

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