नवरात्रि का आज दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की होगी पूजा-अर्चना

मां ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्ष माला और कमंडल हैं। अगर मां का सच्चे मन से पूजन-अर्चना की जाती है।

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Shardiya Navratri 2nd Day
मां ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्ष माला और कमंडल हैं। अगर मां का सच्चे मन से पूजन-अर्चना की जाती है।

Navratri 2020 2nd Day: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी के नाम का अर्थ- ब्रह्म मतलब (Shardiya Navratri 2nd Day) तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण करने वाली देवी होता है. मां ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्ष माला और कमंडल हैं. अगर मां का सच्चे मन से पूजन किया जाए तो व्यक्ति को ज्ञान सदाचार लगन, एकाग्रता और संयम (Shardiya Navratri 2nd Day) रखने की शक्ति प्राप्त होती है. आइए जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मंत्र और आरती. 

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इस दिन सुबह उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं और स्नानादि कर (Shardiya Navratri 2nd Day) स्वच्छ वस्त्र पहन लें। इसके बाद आसन पर बैठ जाएं. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें. उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें. मां को दूध, दही, घृत, मधु और शर्करा से स्नान कराएं। मां को भोग लगाएं. उन्हें पिस्ते की मिठाई का भोग लगाएं. फिर उन्हें पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें. मां के मंत्रों का जाप करें और आरती करें। सच्चे मन से मां की पूजा करने पर वो व्यक्ति को संयम रखने की शक्ति प्राप्त करती हैं.

आपको बता दें कई हज़ार वर्षों की इस कठिन तपस्या के कारण ब्रह्मचारिणी देवी (Shardiya Navratri 2nd Day) का शरीर एकदम क्षीण हो उठा,उनकी यह दशा देखकर उनकी माता मेना अत्यंत दुखी हुई और उन्होंने उन्हें इस कठिन तपस्या से निजात दिलाई, साथ ही आवाज़ दी ‘उ मा’. तब से देवी ब्रह्मचारिणी का एक नाम उमा भी पड़ गया। उनकी इस तपस्या से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया. 

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मां ब्रह्मचारिणी पूजा-
मां ब्रह्मचारणी की पूजा में पुष्प, अक्षत, रोली, चंदन का प्रयोग किया जाता है. पूजन आरंभ करने से पूर्व मां ब्रह्मचारिणी को दूध, दही, शर्करा, घृत और शहदु से स्नान कराया जाता है. इसके उपरांत मां ब्रह्मचारणी को प्रसाद अर्पित करें. इस क्रिया का पूरा करने के बाद आचमन और फिर पान, सुपारी भेंट करनी चाहिए.इसके बाद ही स्थापित कलश, नवग्रह, दशदिक्पाल, नगर देवता और ग्राम देवता की पूजा करनी चाहिए.

मंगल ग्रह की अशुभता को दूर होती है-
मां ब्रह्मचारणी की पूजा से मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है. ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं. जिन लोगों की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ है उन्हें मां ब्रह्मचारणी की पूजा करनी चाहिए. 

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