IMF ने इस बात के लिए पूरी दुनिया को किया आगाह, भारत को लेकर भी जताई ये आशंका

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने विश्व बैंक और आईएमएफ की सालाना बैठक से पहले मंगलवार को अपने संबोधन में आर्थिक सुस्ती को लेकर ये चेतावनी जारी की है।

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वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चिंता जाहिर की और इस बात की जानकारी दी है कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था इस समय सुस्ती के दौर से गुजर रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने विश्व बैंक और आईएमएफ की सालाना बैठक से पहले मंगलवार को अपने संबोधन में आर्थिक सुस्ती को लेकर ये चेतावनी जारी की है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुस्ती देखी जा रही है, जिसकी वजह से 90 फीसदी देशों की विकास की रफ्तार धीमी रहेगी। भारत जैसी बड़ी उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर तो इसका असर कुछ ज्यादा ही है।

आईएमएफ की नई प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जिएवा ने संकेत दिया कि चौतरफा फैली मंदी का अर्थ है कि वर्ष 2019-20 के दौरान वृद्धि दर इस दशक की शुरुआत से अब तक के ‘निम्नतम स्तर’ पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह वैश्विक आर्थिक परिदृश्य जारी होगा और उसमें पूर्वानुमान में कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि करीब 40 उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत से अधिक रहेगी।

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक के रूप में अपने पहले भाषण में क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने कहा कि दो साल पहले, वैश्विक अर्थव्यवस्था समकालिक रूप से ऊंचाई की तरफ जा रही थी, और दुनिया का लगभग 75 हिस्सा बढ़ रहा था, लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था ‘समकालिक मंदी’ की चपेट में है। वर्ष 2019 में हमें लगता है कि दुनिया के लगभग 90 फीसदी हिस्से में वृद्धि कम होगी।

बता दें कि, आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की एक हफ्ते के बाद ही संयुक्त सालाना बैठक होने वाली है जिसमें दोनों संस्थाएं अपने आर्थ‍िक अनुमान पेश करेंगी। इसमें दुनिया के शीर्ष केंद्रीय बैंकर और वित्त मंत्री शामिल होंगे। आईएमएफ प्रमुख ने चेतावनी दी है कि 2019 और 2020 के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक एक जटिल हालात पेश करेंगे।

जॉर्जिएवा ने कहा कि अमेरिका, जापान जैसे विकसित देशों में आर्थ‍िक गतिविधियां नरम पड़ रही हैं, खासकर यूरोप में। दूसरी तरफ, भारत और ब्राजील जैसे देशों में इस साल आर्थिक सुस्ती ज्यादा मुखर रूप में दिखी है। उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी अब सुस्त पड़ने लगी है।

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के आउटलुक से उन देशों के लिए और मुश्किल होने वाली है जो पहले ही कठिनाई से गुजर रहे हैं। खासकर मुद्रा कोष कई देशों में कार्यक्रमों में समस्या आ सकती है।

गौरतलब है कि बुल्गारिया की इकनॉमिस्ट क्रिस्टालिना हाल ही में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक बनी हैं और उन्होंने क्रिस्टीन लगार्द का स्थान लिया है। क्रिस्टालिना जनवरी 2017 से विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रही हैं। वे इसी साल एक फरवरी से आठ अप्रैल तक विश्व बैंक समूह की अंतरिम अध्यक्ष रहीं।

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