UP News: यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) ने एक और बड़ा फैसला लिया है। यूपी में अब मदरसों के बाद वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्तियों की जांच होगी। सरकार ने सामान्य संपत्ति (बंजर भूमि, उसर, भीटा आदि) को प्रक्रिया का पालन न करके राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराई गई वक्फ संपत्तियों की जांच और सीमांकन कराने का फैसला लिया है।
1989 के शासनादेश को किया निरस्त
योगी सरकार (Yogi Government) ने राजस्व विभाग (Revenue Department) के साल 1989 के शासनादेश को भी निरस्त कर दिया है और जांच एक माह में पूरा करने के निर्देश सभी जिलों को दिए हैं। शासन के उपसचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने सूबे के सभी कमिश्नर और डीएम को लिखे पत्र में कहा कि वक्फ अधिनियम-1995 और उत्तर प्रदेश मुसलिम वक्फ अधिनियम-1960 में वक्फ की संपत्ति को पंजीकरण कराने के प्रावधान के बावजूद नियमों की अनदेखी की गई।
एक माह में पूरी होगी जांच
वक्फ संपत्तियों को सुव्यवस्थित ढंग से राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने के लिए सात अप्रैल 1989 को शासनादेश भी जारी किया गया। कहा गया है कि 1989 के शासनादेश के तहत पाया गया कि वक्फ की संपत्तियां अधिकतक बंजर, उसर और भीटा में दर्ज हैं, लेकिन मौके पर वक्फ है। इसलिए इन भूमि को सही तरह से राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने और उनका सीमांकन कराने की जरुरत है।