Kanpur: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath और जिला प्रशासन एक तरफ जहां महिलाओं के साथ आये दिन हो रही घटनाओं के चलते सख्त से सख्त कदम उठा रही है. वहीं कुछ पुलिस कर्मियों की कार्यशैली के चलते पुलिस महकमे पर सवालिया प्रश्न खड़े होना शुरू हो गए है. ऐसा ही एक मामला कानपुर के घाटमपुर कोतवाली में देखने को मिला है.
घाटमपुर कोतवाली में रेप पीड़िता दलित मासूम ने पुलिस पर कार्यवाही न करने और दबाव बनाकर समझौता नामा करवाने का गम्भीर आरोप लगाया है. जिसके बाद यूपी की पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
क्या था पूरा मामला ?
बीते 27 जुलाई को कानपुर में नाबालिग दलित मासूम को बंधक बनाकर बलात्कार की घटना सामने आने से हड़कंप मच गया था. घटना घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले की थी. जहां कस्बे के रहने वाले युवक ने अपने घर में काम कर रही मासूम को घर के अन्दर बन्धक बना लिया था. आरोप था कि किशोरी को घर के अंदर बन्धक बनाने के बाद पड़ोसी युवक ने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
जिसके बाद वह अचेत अवस्था में मासूम को घर के अंदर फेंककर फरार हो गया था. होश आने पर खेतों से घर पहुंची मां से मासूम ने मामले की जानकारी परिजनों को दी थी. वहीं पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की तहरीर के आधार पर युवक पर बन्धक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में युवक को हिरासत में तो लिया लेकिन मामला दर्ज नहीं किया और नहीं पीड़िता को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा गया था.
पुलिस पर गंभीर आरोप
मासूम पीड़िता ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि, पुलिस उस पर धमकाने ओर आरोपी युवक पर कार्यवाही न करने को लेकर जबरिया दबाव बना रही है. वहीं पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने शिकायती पत्र के आधार पर युवक को थाना परिसर तो लेकर आई. लेकिन युवक के खिलाफ न तो मुकदमा दर्ज किया और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया और उल्टा ही समझौते में हस्ताक्षर करवा लिया. ऐसे में ये सवाल आता है कि जब जनता का रक्षक ही इस तरह का कार्य करेगा तो जनता किसके पास जाकर न्याय की गुहार लगाएगी.