Dara Singh: रुस्तम ए हिंद कहूं या बेहतरीन रेस्लर या फिर बेहतरीन एक्टर. आज दारा सिंह (Dara Singh) की 10वीं पुण्यतिथि है. दारा सिंह एक ऐसे रेस्लर रहे हैं जो कभी कोई मैच नहीं हारे. उन्होंने अपने जमाने के आगे के रेस्लर्स को भी पछाड़ा है.
दारासिंह जब रेस्लर रहे तब भी बेहतरीन रहे और जब एक्टिंग में आए तब भी उनका कोई जवाब नहीं रहा. 200 किलो के किंग कॉन्ग को हराने वाले दारा सिंह ने 10 बार वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीती थी. उन्होंने कॉमलवेल्थ, वर्ल्ड रेसलिंग, चैंपियन ऑफ मलेशिया का भी खिताब अपने नाम किया था.
दारा सिंह भारत के इतिहास का वो अभूतपूर्ण हिस्सा थे, जिन्हे भूलना बिलकुल नामुमकिन था और साथ ही उन्होंने हर क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया। साथ ही बॉलीवुड में आने के बाद अपनी एक्टिग से यह साबित कर दिया की पहलावन ठान ले तो क्या नही कर सकता. बॉलीवुड में 53 इंच की छाती से फेमस दारा सिंह की आज पुण्यतिथि है. ऐसे में आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।
कहे जाते थे भारतीय सिनेमा के ‘आयरन मैन’
दारा सिंह को भारतीय सिनेमा का ‘आयरन मैन’ कहा जाता था. वो कुश्ती में कभी ना हारने वाले चैम्पियन रहे. 1968 की वर्ल्ड चैम्पियन शिप के साथ ही उन्होंने कुश्ती में हमेशा जीत हासिल की. 1996 में उन्हें रेसलिंग आबजर्व न्यूजलेटर में हाल आफ फेम चुना गया.
दारा सिंह ने कई वर्ल्ड क्लास चैम्पियन्स के साथ कुश्ती लड़ी और जीत हासिल की. उन्होंने रूस्तम-ए-हिंद के साथ रूस्तम-ए-पंजाब के साथ कई नामों से नवाजा गया. उन्होंने कई बड़े-बड़े पहलवानों को अखाड़े में धूल चटाई थी. उन्होंने 55 साल की उम्र तक पहलवानी लड़ी थी
ब्रिटिश राज में हुआ Dara Singh का जन्म
दारा सिंह का जन्म 19 जुलाई 1928 को एक जाट फैमिली में हुआ था, उनके पिता सूरत सिंह रंधावा और मां बलवंत कौर पंजाब में रहते थे. दारा सिंह का जब जन्म हुआ था उस समय भारत में ब्रिटिशर्स की हुकूमत थी, इन्हीं सब के बीच दारा पले बढ़े. दारा सिंह ना सिर्फ एक अच्छे पहलवान थे बल्कि एक शानदार अभिनेता भी थे
60 की उम्र में बने हनुमान
रामानंद सागर की रामायण आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है. इसके हर एक किरदार को खूब प्यार मिला, यहां तक कि लोगों ने शो से जुड़े कलाकारों को भागवान का दर्जा तक दे दिया गया था. इसी शो में अखाड़े से निकलकर फिल्मों और टीवी शो का रुख करने वाले दारा सिंह के हनुमान का रोल आज भी लोगों के जहन में है.
खास बात ये रही कि जब दारा सिंह(Dara Singh)को बजरंग बली का किरदार मिला था तब वो 60 साल के हो गए थे. हनुमान के रोल के लिए वो रामानंद सागर की पहली पसंद थे. हालांकि ये पहली बार नहीं था, दारा सिंह ने 1976 में आई फिल्म बजरंगबली में पहले ही हनुमान का रोल निभा लिया था. ये फिल्म उस दौर में हिट साबित हुई.
राज्यसभा के सदस्य रह चुके थे Dara Singh
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने दारा सिंह को राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया था. वह अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे 6 वर्षों तक राज्य सभा के सदस्य रहे.
मुंबई स्थित आवास पर 7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद दारा सिंह कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल मुंबई में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें पांच दिनों तक कोई राहत नहीं मिली, 12 जुलाई 2012 को उनका निधन हो गया.