PM Modi Tour: विश्व में भारत का दमखम और बढ़ती छवि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार क्रमबद्ध रहते है, वहीं विश्व में भी भारत की ‘ग्लोबल छवि’ में इज़ाफ़ा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय रिश्तो के जानकार मानते है कि भारत को विश्व लीडर के रूप में खड़े करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही जिम्मेदार है।
इसी कड़ी में पीएम 2 मई से तीन देशो के दौरे पर जा रहे है। पीएम का ये दौरा हर मायने में भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को बढ़ाने वाला है, वहीं तमाम तरीके से भारत के लिए फायदेमंद भी है।
ये है पीएम मोदी की यात्रा का प्लान(PM Modi Tour)
वैश्विक नेताओं की भारत यात्रा के बाद अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल की पहली विदेश यात्रा करेंगे तो इस दौरान वे सबसे पहले बर्लिन रुकेंगे.
वहां वे बर्लिन के चांसलर ओलाफ शुल्त्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके बाद एक संयुक्त व्यावसायिक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री जर्मनी में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद बातचीत करेंगे.
इसके बाद वे डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ बैठक करेंगे. मोदी डेनमार्क द्वारा आयोजित किए जा रहे दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
इसी सम्मेलन में वे आइसलैंड के प्रधानमंत्री कैटरीन याकोबस्डोटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डालेना एंडरसन और फिनलैंड के प्रधानमंत्री सना मरीन शामिल रहेंगी.
अपनी यात्रा के तीसरे पड़ाव में मोदी पेरिस रुकेंगे. इसमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे.
7 देशों के 8 नेताओं से बात करेंगे पीएम मोदी
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 और 3 मई को जर्मनी का दौरा करेंगे. इसके बाद 3 और 4 मई को डेनमार्क जाएंगे और 4 मई को ही वे फ्रांस की यात्रा भी करेंगे.
इन तीन देशों की यात्रा के दौरान वे सात देशों के आठ राष्ट्राध्यक्षों के अलावा 50 वैश्विक कारोबारियों के साथ बातचीत भी करेंगे.
बताया यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जर्मनी और डेनमार्क में एक-एक रात बिताएंगे. उसके बाद 4 मई को वापसी के दौरान वे कुछ देर के लिए पेरिस में रुकेंगे.
मोदी की बातचीत में यूक्रेन में रूसी आक्रामकता के शामिल होने की संभावना
चांसलर शोल्ज के साथ मोदी की यह पहली मुलाकात होगी, जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपनी पूर्ववर्ती एंजेला मर्केल से शीर्ष कार्यालय का कार्यभार संभाला था। तीनों देशों के यूरोपीय नेताओं के साथ मोदी की बातचीत में यूक्रेन में रूसी आक्रामकता के शामिल होने की संभावना है।
बता दें कि भारत और फ्रांस इस साल अपने राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष मना रहे हैं और दोनों नेताओं के बीच बैठक सामरिक साझेदारी का एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा निर्धारित करेगी।