एक कहावट तो आपने सुनी ही होगी जैसी करनी वैसी भरनी बेहाली और बदहाली से गुजर रहे पाकिस्तान भी भारत की तरह आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है. लेकिन पाकिस्तान के लिए फक्र जैसी कोई बात नहीं है.
Pakistan पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है, रुपये की कीमत लगातार लुढ़क रही है. वहीं मुश्किलों में घिरे देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली होने की कगार पर खड़ा है. जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ एक महीने के आयात खर्चों के लिए ही काफी है.
पाकिस्तान में हाहाकार
नकदी संकट का सामने कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी गिरावट के साथ 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है. यह वर्ष 2019 के बाद पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का न्यूनतम स्तर है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने ऋण भुगतान में वृद्धि और बाहरी स्रोतों से मिल रही आर्थिक सहायता की कमी के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है.
विदेशी फंडिंग में आई कमी
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान SBP के इन आंकड़ों से पता चलता है कि देश के विदेशी भंडार में साप्ताहिक आधार पर 55.5 करोड़ डॉलर यानी 6.6 फीसदी की गिरावट आई है. ऐसा इस महीने बढ़े हुए ऋण भुगतान और बाहरी वित्तपोषण की कमी के कारण हुआ है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, “पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चला है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिरकर 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है. यह अक्टूबर 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है.
IMF से मदद की गुहार
पाकिस्तान को इस महीने IMF से बड़ी राहत मिल सकती है. IMF के कार्यकारी बोर्ड की 29 अगस्त को बैठक होगी. जिसमें नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इस महीने के भीतर एक बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी जाएगी.
जिसमें लगभग 1.18 अरब अमेरिकी डॉलर का बकाया भुगतान भी शामिल है. इसके बाद चीन और सऊदी अरब सहित चार मित्र देशों से पाकिस्तान को 4 बिलियन अमरीकी डालर की मदद भी मिल सकती है.
वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने पाकिस्तानी अखबार डॉन को बताया कि कर्मचारी स्तर समझौते SLA और पिछले महीने हस्ताक्षरित आर्थिक और राजकोषीय नीतियों MEFP के ज्ञापन के तहत कार्यक्रम के पुनरुद्धार के लिए ऋणदाता से शुक्रवार तड़के एक आशय पत्र LOI प्राप्त हुआ था.