Dussehra Pujan 2022: विजयदशमी आज, जानिए शुभ मुहूर्त और नीलकंठ दर्शन का महत्व

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Dussehra Pujan 2022: आज पूरे भारतवर्ष में विजयादशमी यानि दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार असत्य पर सत्य के जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर भगवान राम ने लंकापति रावण और महाज्ञानी रावण का वध किया था।

महिषासुर का भी हुआ था वध

बता दे कि, इसके अलावा मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के दैत्य का संहार किया था। इसी कारण से विजयादशमी का त्योहार हर वर्ष रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले का दहन करके मनाया जाता है। दशहरे के दिन पंडालों में स्थापित मां दु्र्गा की पूजा का समापन हो जाता है। अब आपको बताते हैं दशहरे का महत्व और पूजा मुहूर्त।

विजयादशमी का शुभ मुहूर्त

दशमी तिथि – 4 अक्टूबर, दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से

दशमी तिथि समापन -5 अक्टूबर, दोपहर 12 बजे

विजय मुहूर्त :14:07 से 14:54 तक

समय :  47 मिनट

अपराह्न मुहूर्त :13:20 से 15:41 तक

जानकारी के लिए बता दे, दशहरा के दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद दहन के पश्चात पान का बीणा खाना सत्य की जीत की ख़ुशी को व्यक्त करता है। इस दिन हनुमानजी को मीठी बूंदी का भोग लगाने बाद उन्हें पान अर्पित करके उनका आशीर्वाद लेने का महत्त्व है। विजयादशमी पर पान खाना, खिलाना मान-सम्मान, प्रेम एवं विजय का सूचक माना जाता है।

नीलकंठ के दर्शन का महत्व

युद्ध में लंकापति रावण पर विजय पाने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे। नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना गया है। दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय,धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जिसका आज भी महत्व है और लोग नीलकंठ के दर्शन करते हैं।

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