Kaushambi Corruption: ऑडिट में मिला बड़ा घोटाला, जिला पंचायत के अफसरों पर 20 करोड़ रुपए के घाटाले का आरोप, Video

0
213

Kaushambi Corruption: पीलीभीत के बाद उत्तर प्रदेश के कौशांबी में भी बड़ा घोटाला सामने आया है। कौशांबी के जिला पंचायत के अफसरों ने विभिन्न मदों की धनराशि में 20 करोड़ रुपए का बड़ा खेल किया है। यह खुलासा ऑडिट के दौरान हुआ है। ऑडिट टीम ने वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक घोटाले की एक-एक रिपोर्ट तैयार की है।

ऑडिट टीम ने दर्ज कराई आपत्ति

ऑडिट टीम ने 20 करोड़ के भुगतान पर आपत्तियां दर्ज कराई। इतना ही नहीं घोटाले का जिम्मेदार जिला पंचायत के अफसरों को बताया है। ऑडिट टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। सबसे बड़ी धांधली लगभग 10 करोड़ रुपए की पंचायत चुनाव के दौरान हुई है। जिस पर अब सभी की निगाहें बनी हुई हैं।

क्या है पूरा मामला ?

बता दे कि, कौशांबी में कई स्थानों पर बालू परिवहन शुल्क के लिए बैरियर लगाए गए हैं। बैरियर शुल्क के नाम पर जमकर वसूली की गई, लेकिन बैरियर शुल्क सरकारी कोष में नहीं जमा किया गया है। ऑडिट टीम ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। इतना ही नहीं बैरियर का ठेका कितने का था, वसूली का लक्ष्य क्या था, इसका कहीं कोई जिक्र ही नहीं किया गया था।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना का प्रकोप था। जिला पंचायत के अधिकारियों ने इसका भरपूर फायदा उठाया। इतना ही नहीं राजस्व वसूली में भी खिलवाड़ किया गया। तहबाजारी से लेकर अन्य प्रकार से होने वाले राजस्व आय में गड़बड़ी की गई और सरकारी कोष में रुपया नहीं जमा किया गया। आपत्तियों पर मांगी रिपोर्ट जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां और पंचायत ने अपर मुख्य अधिकारी को साल 2017-18 से लेकर साल 2020-21 तक ऑडिट आपत्ति भेज दी है।

4 साल के भीतर हुए घोटाले

ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 58 लाख 80 हजार रुपए का अनियमित भुगतान किया गया। वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 14 लाख 56 हजार रुपए का बड़ा खेल किया गया। इसी तरह वर्ष 2019-20 में आठ करोड़ चार लाख रुपए का अनियमित भुगतान किया है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अफसरों ने सबसे ज्यादा 10 करोड़ रुपए की धांधली की है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ 72 लाख, 39 हजार रुपए का अनियमित भुगतान कर खिलवाड़ किया है।

बिना काम के हुआ भुगतान

ऑडिट रिपोर्ट यह भी बता रही है कि अफसरों ने बिना काम कराए ही भुगतान किया था। जमीन पर कहीं काम ही नहीं दिख रहा है। सब कुछ कागज में किया गया था। ऑडिट टीम ने इसकी जांच की तो सारी सच्चाई खुलकर सामने आ गई। अफसर ऑडिट टीम को कराए गए कार्य का ब्यौरा ही नहीं दे पाए।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here