आज जहां पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) में सराबोर है. वहीं, कर्नाटक के शिवमोगा (Shivmoga Dispute) में जश्न-ए-आजादी पर बवाल होने की खबरें सामने आई है. बताया जा रहा है कि मामला स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर अमीर अहमद सर्कल में वीर सावरकर (Veer Savarkar) का पोस्टर लगाए जाने से जुड़ा है.
पोस्टर को लेकर हुआ विवाद
पोस्टर को लेकर कुछ लोगों ने विरोध किया. वीर सावरकर के पोस्टर को हटाने के प्रयासों के विरोध के बाद कर्नाटक पुलिस (Karnatka Police) ने मोर्चा संभाला. जिसके बाद पुलिस ने शिवमोगा जिले के कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया. मेंगलुरु के सुरतकल चौराहे का नाम सावरकर के नाम पर रखने वाले एक बैनर को भी हटा दिया गया है.
धारा 144 लागू
मामले को लेकर शिवमोगा पुलिस का कहना है कि, टीपू सुल्तान के अनुयायियों के एक समूह ने शहर के अमीर अहमद सर्कल में टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) के बैनर लगाने के लिए सावरकर के बैनर हटाने की कोशिश की. जिसके बाद CRPC की धारा 144 लागू कर दी गई. बाद में पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया. जिसके बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई.
राज्य में अशांति फैलाने की साजिश- DK
गौरतलब है कि, शनिवार रात को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हडसन सर्किल में विभिन्न स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों वाले पोस्टर लगाए थे. इसमें टीपू सुल्तान का पोस्टर भी शामिल था. इन पोस्टर्स को अज्ञात लोगों ने नुकसान पहुंचाया था. बाद में राज्य कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) ने घटनास्थल का दौरा भी किया किया. उन्होंने कहा था कि कोई राज्य में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहा है. वे कांग्रेस के स्वतंत्रता मार्च को पचा नहीं पा रहे हैं.
कांग्रेस के निशाने पर बोम्मई सरकार
पोस्टर विवाद को लेकर कांग्रेस ने कर्नाटक की बोम्मई सरकार (Bommai Government) जमकर घेरा था. दरअसल, बोम्मई सरकार ने समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया था. इसमें स्वतंत्रता सेनानियों की सूची दी गई, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम शामिल नहीं किया गया. जिसके बाद सरकार कांग्रेस के निशाने पर आ गई. कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुलाम होने का आरोप लगाया था.