नई दिल्ली। रामायण का एक किस्सा जिसमें मिथिला के राजा जनक जब एक दिन अपने खेत में हल जोत रहें होते हैं, उसी समय उनका हल जमीन में गढ़े एक मटके से टकराता है। राजा जब उस मटके को जमींन से बाहर निकालते हैं, तो उसमें उन्हें एक नवजात कन्या मिलती है, जिसका नाम वो सीता रखते है। इस किस्से के हजारों साल बीतने के बाद कलयुग के इस 21वीं सदी में ऐसा ही एक वाक्या गुरुवार को बरेली के सीबीगंज से सामने आया है, जहां एक पिता को अपनी मृत बच्ची को दफनाने के दौरान खोदे गए गड्डे से जिंदा बच्ची मिली।
सीबीगंज के निवासी हितेश कुमार की पत्नी वैशाली ने गर्भावस्था के दौरान एक प्रीमेच्योर बच्ची को जन्म दिया, जिसकी जन्म के कुछ देर बाद ही मौत हो गई। अपनी मृत बच्ची को दफनाने के लिए जब हितेश श्मशान घाट पहुंचे और बच्ची को दफनाने के लिए गड्ढा खुदवाना शुरू किया तो करीब तीन फुट की खुदाई के बाद गड्ढा खोद रहे मजदूर का फावड़ा किसी चीज से टकराया। इसके बाद जब मिट्टी हटा कर देखा गया तो वहां एक मटका निकला। जिसके अंदर एक नवजात बच्ची थी जिसकी सांस चल रही थी। यह देख कर वहां मौजुद सभी लोग हैरान रह गए।
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मटके से उस नवजात को बाहर निकालते ही हितेश ने उसे अपने सीने से लगा लिया। इस दौरान पुलिस को सूचना दी गई और बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद हितेश ने अपनी मृत बच्ची को दफन किया।
जीवित नवजात बच्ची को गड्ढे में किसने गाड़ा था फिलहाल इसकी जानकारी नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस की तलाश जारी है। वहीं इस मामले में एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने कहा कि जिस किसी ने भी इस बच्ची को जिंदा दफन करने का अमानवीय कृत्य किया है,उसे सजा जरूर दी जाएगी। उन्होंने कहा की कि पुलिस की टीमें उस परिवार की तलाश में जुट गई हैं, जिन्होंने बच्ची को मटके में जिंदा दफन किया है। हमनें सादी वर्दी में भी पुलिस की टीमों को तलाश में तैनात कर रखा है।
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जिला अस्पताल में भर्ती नवजात की स्थिति अब स्वस्थ बतायी जा रही है। वहीं अस्पताल के स्टाफ ने इस नवजात बच्ची का नाम भी सीता रखा है। नवजात बच्ची का यह नाम और उसकों दुबारा जीवन मिलने का यह वाक्या रामायण में सीता के जन्म का किस्सा याद दिला रहा है।