Baghdad: जलवायु परिवर्तन हमारे जीवन के साथ-साथ विशालकाय जलाशयों से में छिपे कई रहस्यों से भी पर्दा उठाता है। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम समय के साथ देखने को मिल ही जाते हैं। ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसने एक बहुत बड़े रहस्य से पर्दा उठाया है। गर्म देश इराक (Iraq) में बढ़ते तापमान के कारण मोसुल जलाशय का पानी सूख गया और पानी के नीचे छिपा एक प्राचीन शहर सामने देखने को मिल गया है। 3400 साल पुराने शहर की खोज प्रकृति के एक विनाशकारी स्वरूप ने की है जो खुशी के बजाय चिंता को बुलावा दे रही है।
इराक का यह प्राचीन शहर कभी उत्तरी मेसोपोटामिया के एक इंडो-ईरानी साम्राज्य मित्तानी की टिग्रिस नदी पर मौजूद था। बढ़ती गर्मी के कारण इराक (Iraq) इस समय भयंकर सूखे की चपेट में आ चुका है। भयंकर सूखे की वजह से देश का सबसे बड़ा जलाशय सूख गया है। इस शहर का पता कुर्द और जर्मन शोधकर्ताओं की एक टीम ने लगाया है। फसलों को बचाने के लिए इराक को मोसुल बांध के पानी को छोड़ना पड़ा है।
हज़ारों सालों से पानी में मौजूद मिट्टी की दीवारें
शहर की खुदाई करते वक्त पुरातत्वविदों ने एक महल और कई विशालकाय इमारतों को खोजा है। इनमें कई बहुमंजिला इमारतें भी शामिल हैं जिनका इस्तेमाल संभवतः भंडारण और उद्योग-धंधों के लिए किया जाता होगा। इस शहर में दीवारें अच्छी तरह संरक्षित की गई थीं जिसने खोजकर्ताओं को चौंका दिया है। अभी तक माना जाता था कि 1350 ई.पू. में आए भूकंप में यह शहर नष्ट हो गया था जिस वजह से यह खोज और भी ज्यादा हैरान कर रही है।
मिट्टी के लिफाफों में रखे मिले खत
एक और चौंकाने वाली यह सामने आई है कि शहर की इमारतों की दीवारें मिट्टी की बनी हैं जो कई साल तक पानी में डूबी होने के बावजूद बेहद अच्छी स्थिति में हैं। शहर में मिले पांच चीनी मिट्टी के बर्तन सबसे आश्चर्यजनक हैं, क्योंकि उनमें 100 से अधिक अभिलेखागार मौजूद हैं। वहीँ शोधकर्ताओं ने माना है कि संभवतः इनमें कई चिट्ठियां ऐसी हैं जो अभी भी अपने मिट्टी के लिफाफे के भीतर हैं।